नई दिल्ली : शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह मुद्रास्फीति के आंकड़ों, वैश्विक रुख और कंपनियों के चौथी तिमाही के परिणामों से तय होगी. विश्लेषकों ने यह बात कही है. सबसे पहले बाजार शुक्रवार को जारी हुए औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देगा.
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष-तकनीकी शोध अजित मिश्रा ने कहा कि बाजार भागीदार सबसे पहले शुक्रवार को कारोबारी घंटों के बाद जारी हुए आईआईपी और सीपीआई के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देंगे. थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई का आंकड़ा 15 मई को आएगा. वृहद आर्थिक आंकड़ों के अलावा वैश्विक रुख विशेषरूप से अमेरिका के बाजार का रुझान और विदेशी कोषों का प्रवाह बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा.
अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 18 महीने के निचले स्तर 4.7 फीसदी पर आ गई है. इसका मुख्य कारण सब्जियों, तेल और वसा की गिरती कीमतें थीं. अब यह भारतीय रिजर्व बैंक के 4 प्रतिशत के लक्ष्य के करीब है. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मुख्य रूप से बिजली और विनिर्माण क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के कारण भारत की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि फरवरी, 2023 के 5.8 फीसदी से मार्च में 5 महीने के निचले स्तर 1.1 फीसदी पर आ गई.
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