नई दिल्ली: घरेलू मोर्चे पर किसी बड़े घटनाक्रम के अभाव में इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक रुझानों से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा कि निवेशकों की निगाह विदेशी कोषों के रुख और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी. उनका मानना है कि इसके अलावा मानसून की प्रगति भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगी.
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘भारतीय बाजारों के लिए बड़ी चिंता की बात विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की अंधाधुंध बिकवाली है. रुपये का उतार-चढ़ाव और मानसून से संबंधित खबरें भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण होंगी.' रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘घरेलू मोर्चे पर किसी बड़े घटनाक्रम के अभाव में स्थानीय बाजारों की दिशा वैश्विक रुख से तय होगी.
बाजार भागीदारों की निगाह कोविड संक्रमण के मामलों और मानसून की प्रगति पर होगी.' बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,943.02 अंक या 5.42 प्रतिशत नीचे आया. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 908.30 अंक या 5.61 प्रतिशत का नुकसान रहा.
मीणा ने कहा कि कमजोर वैश्विक रुख, अमेरिका में ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि तथा एफआईआई की बिकवाली की वजह से बीते सप्ताह बाजार में भारी गिरावट रही.