नई दिल्ली: उद्योग संगठन फिक्की ने वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई है. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बढ़ती हुई कीमतें वैश्विक आर्थिक पुनरुद्धार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं. फिक्की की तरफ से रविवार को जारी आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में ब्याज दरें बढ़ाने का सिलसिला शुरू कर सकता है.
चालू वित्त वर्ष में 7.4 फीसदी जीडीपी वृद्धि की उम्मीद : फिक्की - GDP growth expected at 7.4 per cent in current fiscal
उद्योग संगठन फिक्की ने वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई है.
पढ़ें: इंडिया रेटिंग्स ने घटाई रेटिंग, 7 फीसदी किया GDP ग्रोथ का अनुमान
चालू वित्त वर्ष के अंत तक रेपो दर में 50-75 आधार अंक की वृद्धि हो सकती है. सर्वेक्षण रिपोर्ट कहती है कि आरबीआई अगले हफ्ते की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर को अपरिवर्तित रखकर आर्थिक पुनरुद्धार को अपना समर्थन बरकरार रख सकता है. इस रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद जताई गई है. हालांकि फिक्की की रिपोर्ट में वृद्धि से जुड़े जोखिमों को लेकर भी सतर्क किया गया है. इसके मुताबिक रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग वैश्विक पुनरुद्धार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. इस सर्वेक्षण में शामिल अर्थशास्त्रियों का यह भी मानना है कि वैश्विक मुद्रास्फीति के पहली छमाही में बढ़ने की आशंका है. लेकिन उसके बाद इसमें नरमी आ सकती है.