नई दिल्ली: भारतीय बिजनेस टाइकून गौतम अडाणी की कंपनी ने एक्टिविज्म डिफेंस लॉ फर्म वाचटेल, लिप्टन, रोसेन एंड काट्ज को हायर किया है, अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग के किए गए दावों के खिलाफ लड़ने के लिए. अडाणी ग्रुप केस लड़कर अपने निवेशकों को कंपनियों की फाइनेंशियल हेल्थ को लेकर आश्वस्त करना चाहते हैं. इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि भारत की सिरिल अमरचंद मंगलदास फर्म ने वाचटेल से संपर्क किया था.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, ट्विटर इंक ने साल 2022 में यूएस लॉ फर्म को हायर किया था. जब उसने एलोन मस्क पर मुकदमा चलाने और सोशल मीडिया कंपनी के $ 44 बिलियन के अधिग्रहण को पूरा करने के लिए मजबूर किया.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई
अडाणी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से जुड़ी दो जनहित याचिकाओं (PIL) पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. याचिका में अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है. ये PIL एडवोकेट एमएल शर्मा और विशाल तिवारी ने दायर की है. जिसमें दावा किया गया है कि अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग ने अडाणी के शेयरों को शॉर्ट सेल किया जिससे 'निवेशकों को भारी नुकसान' हुआ. तिवारी ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने देश की छवि को धूमिल किया है. इससे अर्थव्यवस्था पर नाकारात्मक असर हो रहा है. वहीं शर्मा की याचिका में दावा किया गया है कि रिपोर्ट पर मीडिया प्रचार ने बाजारों को प्रभावित किया और Hindenburg founder Nathan Anderson भी भारतीय नियामक सेबी को अपने दावों का सबूत देने में असफल रहे. गौरतलब है कि एडवोकेट ने चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मामले की अर्जेंट लिस्टिंग की अपील की थी.
अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग के आरोप
यूएस-आधारित शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अडाणी ग्रुप पर कॉर्पोरेट धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग औरशेयर मैनिपुलेशन जैसे कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. जिसका Adani Group ने खंडन किया है. अडाणी समूह ने कहा था कि वह शेयर बाजार में हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी के आरोपों के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा. इस पर हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा था कि वह अडाणी समूह द्वारा कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार है. इसी को लेकर अडाणी समूह ने अमेरिका की बड़ी लॉ फर्म 'वॉचटेल' को हायर किया है.
अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी का कॉर्पोरेट साम्राज्य हिल सा गया. 118 बिलियन डॉलर के नुकसान के साथ उनका नेट वर्थ आधा हो गया. गौतम अडाणी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी के पायदान से लुढ़क कर बिलेनियर की टॉप-20 लिस्ट से बाहर हो गए. Hindenburg Research report आने के बाद दस दिनों में ही अडाणी को 59 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.