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ई-वे बिल में बदलाव, एक मार्च से ई-चालान डिस्क्रिप्शन के बगैर नहीं चलेगा काम

Changes in e-way bill: 5 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले व्यवसाय 1 मार्च से सभी B2B लेनदेन के लिए ई-चालान विवरण शामिल किए बिना ई-वे बिल उत्पन्न नहीं कर पाएंगे. पढ़ें पूरी खबर...

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ई-वे बिल में बदलाव

By PTI

Published : Jan 6, 2024, 3:14 PM IST

नई दिल्ली: पांच करोड़ रुपये से अधिक कारोबार वाले व्यवसाय एक मार्च से सभी कारोबारी लेनदेन के लिए ई-चालान दिए बगैर ई-वे बिल जारी नहीं कर पाएंगे. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत 50,000 रुपये से अधिक कीमत के माल को एक राज्य से दूसरे राज्य ले जाने के लिए ई-वे बिल रखना जरूरी होता है.

राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने विश्लेषण के आधार पर पाया है कि ई-चालान के लिए कुछ पात्र करदाता बी2बी (फर्म से फर्म को) और बी2ई (कंपनियों से निर्यातकों को) के लेनदेन के लिए ई-वे बिल ई-चालान से जोड़े बगैर ही बना दे रहे हैं.इनमें से कुछ मामलों में, ई-वे बिल और ई-चालान के तहत अलग-अलग दर्ज चालान विवरण कुछ मापदंडों में मेल नहीं खा रहे हैं. इससे ई-वे बिल और ई-चालान विवरण के बीच मिलान नहीं हो रहा है.

एनआईसी ने जीएसटी करदाताओं से कहा कि ऐसी स्थितियों से बचने के लिए एक मार्च, 2024 से ई-चालान विवरण के बिना ई-वे बिल बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह ई-चालान सक्षम करदाताओं और कारोबारी व निर्यात के तहत आपूर्ति से संबंधित लेनदेन के लिए लागू है. हालांकि एनआईसी ने यह साफ किया है कि ग्राहकों से या गैर-आपूर्ति वाले अन्य लेनदेन के लिए ई-वे बिल पहले की तरह चलेगा.

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