नई दिल्ली: पांच करोड़ रुपये से अधिक कारोबार वाले व्यवसाय एक मार्च से सभी कारोबारी लेनदेन के लिए ई-चालान दिए बगैर ई-वे बिल जारी नहीं कर पाएंगे. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत 50,000 रुपये से अधिक कीमत के माल को एक राज्य से दूसरे राज्य ले जाने के लिए ई-वे बिल रखना जरूरी होता है.
राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने विश्लेषण के आधार पर पाया है कि ई-चालान के लिए कुछ पात्र करदाता बी2बी (फर्म से फर्म को) और बी2ई (कंपनियों से निर्यातकों को) के लेनदेन के लिए ई-वे बिल ई-चालान से जोड़े बगैर ही बना दे रहे हैं.इनमें से कुछ मामलों में, ई-वे बिल और ई-चालान के तहत अलग-अलग दर्ज चालान विवरण कुछ मापदंडों में मेल नहीं खा रहे हैं. इससे ई-वे बिल और ई-चालान विवरण के बीच मिलान नहीं हो रहा है.