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RBI Annual Report: आरबीआई रिपोर्ट में ₹500 को लेकर खुलासा, बढ़ गए इतने नकली नोट

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने वार्षिक रिपोर्ट जारी की है. जिसमें बताया गया है कि वित्त-वर्ष 2022-23 में मुद्राओं का चलन बढ़ा. साथ ही रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि मार्केट में 500 रुपये मूल्य के नकली नोटों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुई है. पढ़ें पूरी खबर....

RBI Annual Report
आरबीआई

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Published : May 30, 2023, 5:39 PM IST

Updated : May 31, 2023, 8:34 AM IST

मुंबई :बैंक नोटों का चलन मूल्य और मात्रा के लिहाज से 2022-23 के दौरान क्रमश: 7.8 फीसदी और 4.4 फीसदी बढ़ा है. वित्त वर्ष 2021-22 में यह आंकड़ा क्रमश: 9.9 फीसदी और पांच फीसदी था. मंगलवार को जारी RBI की वार्षिक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली. रिपोर्ट के मुताबिक मूल्य के लिहाज से 31 मार्च, 2023 तक 500 रुपये और 2,000 रुपये के बैंक नोटों की हिस्सेदारी कुल बैंक नोटों के चलन में 87.9 फीसदी थी. इससे एक साल पहले यह आंकड़ा 87.1 प्रतिशत था.

प्रचलित मुद्रा में 500 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी अधिक
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल में 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा की है और इन्हें जमा करने या बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया, 'मात्रा के लिहाज से 31 मार्च 2023 तक कुल प्रचलित मुद्रा में 500 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी 37.9 प्रतिशत है, जो सबसे अधिक है. इसके बाद 10 रुपये के नोट का स्थान है, जिनकी हिस्सेदारी 19.2 प्रतिशत है.'

आरबीआई ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कई बातों का जिक्र किया

बाजार में ये नोट चलन में
मार्च 2023 के अंत तक 500 रुपये के कुल 5,16,338 लाख नोट चलन में थे, जिनका कुल मूल्य 25,81,690 करोड़ रुपये है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि मार्च के अंत में दो हजार रुपये के 4,55,468 लाख नोट चलन में थे, जिनकी कुल कीमत 3,62,220 करोड़ रुपये है. इसमें आगे बताया गया कि दो हजार रुपये के नोटों के चलन में मूल्य और मात्रा, दोनों लिहाज से कमी आई है. इस समय दो रुपये, पांच रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2,000 रुपये के नोट चलन में हैं. इसके अलावा एक रुपये, दो रुपये, पांच रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये के सिक्के भी चलन में शामिल हैं.

2022-23 में नोटों की मांग और आपूर्ति अधिक थी
आरबीआई ने 2022-23 के दौरान पायलट आधार परई-रुपयाभी पेश किया. रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च, 2023 तक चलन में शामिल ई-रुपया (थोक) और ई-रुपया (खुदरा) का मूल्य क्रमश: 10.69 करोड़ रुपये और 5.70 करोड़ रुपये था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 2022-23 में नोटों की मांग और आपूर्ति सालाना आधार पर 1.6 फीसदी अधिक थी.

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नकली नोट में किसकी कितनी हिस्सेदारी
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 2021-22 की तुलना में बीते वित्त वर्ष में 20 रुपये और 500 रुपये (नए डिजाइन) के मूल्यवर्ग में पाए गए नकली नोटों में क्रमशः 8.4 प्रतिशत और 14.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. दूसरी ओर 10 रुपये, 100 रुपये और 2,000 रुपये के मूल्यवर्ग में पाए गए नकली नोटों में क्रमशः 11.6 प्रतिशत, 14.7 प्रतिशत और 27.9 प्रतिशत की गिरावट हुई.

(पीटीआई- भाषा)

Last Updated : May 31, 2023, 8:34 AM IST

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