नई दिल्ली :केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की थी कि इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमतें पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की कीमतों के बराबर हो जाएंगी. नितिन गडकरी ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह बयान दिया था. शायद इसी का असर आज मोदी सरकार के आखिरी बजट 2023 में दिखा. रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) अपनाने वालों की संख्या बढ़ेगी. देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री 2030 तक 22 मिलियन होने की संभावना है. जो पूरे इलेक्ट्रिक 2 Watt बाजार का लगभग 80 प्रतिशत होगा.
किफायती परिवहन की मांग और कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान देने के साथ, इलेक्ट्रिक वाहन एक स्थायी भविष्य की दिशा में भारत के कदम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यूजर्स तेजी से ईवी चुन रहे हैं, क्योंकि पेट्रोल की तुलना में यह सस्ता पड़ता है. शहरी क्षेत्र के यूजर्स के लिए यह ज्यादा फायदेमंद है. जो डिलीवरी जैसे उच्च उपयोग के लिए 50 प्रतिशत से अधिक है. रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स के पार्टनर आदित्य अग्रवाल ने कहा, दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन को खरीदना थोड़ा महंगा है. लेकिन पेट्रोल वाहन की तुलना में परिचालन लागत और मेंटेनेंस लागत कम है.