नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की हालिया जांच में भारतपे के संचालन में कथित वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है. सह-संस्थापक अश्नीर ग्रोवर और उनके परिवार के सदस्य कथित तौर पर संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हैं, जिसमें चैनल फंड के लिए पिछली तारीख के चालान का उपयोग भी शामिल है. रिपोर्ट के अनुसार, ग्रोवर के परिवार से जुड़ी आठ एचआर परामर्श फर्मों, जैसे ट्रू वर्क कंपनी, टीम सोर्स और इंपल्स मार्केटिंग ने बंद बैंक खातों के साथ बिल दाखिल किए, जो चालान के संभावित जालसाजी का संकेत देते हैं.
जांच से पता चलता है कि इन अलग-अलग संस्थाओं ने एक ही पंजीकृत पता साझा किया, जिससे उनकी वैधता और स्वतंत्रता के बारे में चिंताएं पैदा हो रही हैं, जो संभवत हितों के टकराव का संकेत दे रहीं. रिपोर्ट के अनुसार, "पिछली तारीख के चालान का उपयोग न केवल वित्तीय अनियमितता के मुद्दों को उठाता है बल्कि Bharatpay के वित्तीय संचालन की पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी सवाल उठाता है."
इसके अतिरिक्त, वेंडर पेमेंट का पता लगाने में EOW की कठिनाई जटिलता की एक परत जोड़ती है, जिससे Bharatpay को अपने व्यावसायिक लेनदेन में उचित परिश्रम की जांच करने में मदद मिलती है. इस साल मई में EOW ने Bharatpay के पूर्व प्रबंध निदेशक Ashneer Grover के खिलाफ 81 करोड़ रुपये की जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी. भारतपे कंपनी द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर दर्ज की गई एफआईआर में उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर, दीपक गुप्ता, सुरेश जैन और श्वेतांक जैन सहित परिवार के सदस्यों का नाम भी शामिल है.