दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

Crops Inflation Rate : कम बारिश से खरीफ फसलों की बुआई 2022 की तुलना में 1.6 प्रतिशत कम, चावल और दालों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी

सब्जी की कीमतों ने इन दिनों आम लोगों के बजट को बिगाड़ दिया है. इसी बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में समय पर बारिश नहीं होने से कई फसलों खासकर धान व दाल की कम बुआई हुई है. इसका असर अभी से इन फसलों के उत्पाद की कीमतों पर पड़ने लगा है. पढ़ें पूरी खबर..

Crops Inflation Rate
चावल और दालों की कीमतों में बढ़ोतरी

By

Published : Jul 17, 2023, 4:57 PM IST

Updated : Jul 17, 2023, 5:13 PM IST

नई दिल्ली :एक तरफ इन दिनों देश के कई राज्य भारी बारिश से परेशान हैं. वहीं देश में समय पर बारिश नहीं होने व भीषण गर्मी के कारण कई फसलों की समय पर बुआई नहीं हो पाई है. इससे से कृषि सेक्टर पर काफी असर पड़ने के आसार हैं. इससे जहां एक ओर जहां किसानों परेशान हैं. बाजार पर नजर रखने वाली निजी एजेंसियों ने कम पैदावार होने से दाल, चावल सहित कई अन्य फसलों की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

पिछले साल से 13.3 फीसदी कम है दलहन का रकबा :मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में कहा 17 जुलाई तक कम बारिश और इसके परिणामस्वरूप चावल और दालों की कम बुआई के कारण कीमतें ऊंची हो गई हैं. 14 जुलाई तक खरीफ की बुआई पिछले साल की तुलना में 1.6 प्रतिशत कम थी. धान की खेती का रकबा पिछले साल के मुकाबले अब भी 6.1 फीसदी कम है. दलहन का रकबा पिछले साल से 13.3 फीसदी कम है. तिलहन, जूट और कपास का उत्पादन भी कम है. दूसरी ओर, मोटे अनाज (+18.1 प्रतिशत सालाना) और गन्ना (+4.7 प्रतिशत सालाना) अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों (49 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ) में मानसून की कमी, जैसे पश्चिम बंगाल (सामान्य से 12 प्रतिशत कम), उत्तर प्रदेश (सामान्य से 2 प्रतिशत कम), आंध्र प्रदेश (सामान्य से 15 प्रतिशत कम), ओडिशा (सामान्य से 28 प्रतिशत कम), तेलंगाना (सामान्य से 26 प्रतिशत कम), छत्तीसगढ़ (सामान्य से 23 प्रतिशत कम), बिहार (सामान्य से 31 प्रतिशत कम) और असम (सामान्य से 7 प्रतिशत कम) ने चावल की बुआई पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है.

हालांकि, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे उच्च सिंचाई कवर वाले राज्य कम प्रभावित होंगे. प्रमुख दलहन उत्पादक राज्यों (33 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ) में मानसून की कमी, जैसे महाराष्ट्र (सामान्य से 12 प्रतिशत कम), कर्नाटक (सामान्य से 2 प्रतिशत कम), आंध्र प्रदेश (सामान्य से 15 प्रतिशत कम), झारखंड (28) प्रतिशत सामान्य से कम) दलहन की बुआई पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है.

दालों का उत्पादन करने वाले सभी प्रमुख राज्यों में सिंचाई कवर कम होने से दालों के उत्पादन पर अधिक असर पड़ेगा. पिछले पांच महीनों में दालों की महंगाई लगभग दोगुनी हो गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जून में यह 6.6 प्रतिशत थी.

कम बारिश और इसके परिणामस्वरूप चावल और दालों की कम बुआई के कारण कीमतें ऊंची हो गई हैं. समग्र सीपीआई बास्केट में चावल का हिस्सा लगभग 4.4 प्रतिशत और दालों का भार 6 प्रतिशत है. 15 जुलाई तक संचयी वर्षा सामान्य के बराबर थी, जबकि 9 जुलाई को 2 प्रतिशत अधिशेष और पिछले वर्ष सामान्य से 14 प्रतिशत अधिक थी.

हालांकि, वर्षा का वितरण असमान रहता है. उत्तर पश्चिम क्षेत्र (सामान्य से 49 प्रतिशत अधिक) और मध्य भारत (सामान्य से 1 प्रतिशत अधिक) के अलावा अन्य सभी क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश हुई है. दक्षिणी प्रायद्वीप में वर्षा सामान्य से 22 प्रतिशत कम है. पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में 19 प्रतिशत की कमी देखी गई है.
(एनपुट-आईएएनएस)

ये भी पढ़ें

Last Updated : Jul 17, 2023, 5:13 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details