नई दिल्ली :एक तरफ इन दिनों देश के कई राज्य भारी बारिश से परेशान हैं. वहीं देश में समय पर बारिश नहीं होने व भीषण गर्मी के कारण कई फसलों की समय पर बुआई नहीं हो पाई है. इससे से कृषि सेक्टर पर काफी असर पड़ने के आसार हैं. इससे जहां एक ओर जहां किसानों परेशान हैं. बाजार पर नजर रखने वाली निजी एजेंसियों ने कम पैदावार होने से दाल, चावल सहित कई अन्य फसलों की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
पिछले साल से 13.3 फीसदी कम है दलहन का रकबा :मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में कहा 17 जुलाई तक कम बारिश और इसके परिणामस्वरूप चावल और दालों की कम बुआई के कारण कीमतें ऊंची हो गई हैं. 14 जुलाई तक खरीफ की बुआई पिछले साल की तुलना में 1.6 प्रतिशत कम थी. धान की खेती का रकबा पिछले साल के मुकाबले अब भी 6.1 फीसदी कम है. दलहन का रकबा पिछले साल से 13.3 फीसदी कम है. तिलहन, जूट और कपास का उत्पादन भी कम है. दूसरी ओर, मोटे अनाज (+18.1 प्रतिशत सालाना) और गन्ना (+4.7 प्रतिशत सालाना) अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों (49 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ) में मानसून की कमी, जैसे पश्चिम बंगाल (सामान्य से 12 प्रतिशत कम), उत्तर प्रदेश (सामान्य से 2 प्रतिशत कम), आंध्र प्रदेश (सामान्य से 15 प्रतिशत कम), ओडिशा (सामान्य से 28 प्रतिशत कम), तेलंगाना (सामान्य से 26 प्रतिशत कम), छत्तीसगढ़ (सामान्य से 23 प्रतिशत कम), बिहार (सामान्य से 31 प्रतिशत कम) और असम (सामान्य से 7 प्रतिशत कम) ने चावल की बुआई पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है.
हालांकि, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे उच्च सिंचाई कवर वाले राज्य कम प्रभावित होंगे. प्रमुख दलहन उत्पादक राज्यों (33 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ) में मानसून की कमी, जैसे महाराष्ट्र (सामान्य से 12 प्रतिशत कम), कर्नाटक (सामान्य से 2 प्रतिशत कम), आंध्र प्रदेश (सामान्य से 15 प्रतिशत कम), झारखंड (28) प्रतिशत सामान्य से कम) दलहन की बुआई पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है.