नई दिल्ली : सरकार ने देश में उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर घटाकर शून्य कर दिया है. साथ ही डीजल निर्यात पर शुल्क आधा कर 50 पैसे प्रति लीटर कर दिया गया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में नरमी के साथ यह कदम उठाया गया है. तीन अप्रैल को जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार, ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल पर शुल्क को 3,500 रुपये प्रति टन से घटाकर शून्य कर दिया गया है. साथ ही, सरकार ने डीजल के निर्यात पर कर एक रुपये लीटर से घटाकर 50 पैसे प्रति लीटर कर दिया है. इसी तरह, विमान ईंधन (एटीएफ) निर्यात पर कर शून्य होगा. कर की नई दरें चार अप्रैल से प्रभाव में आ गयी हैं.
मार्च के दूसरे पखवाड़े में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम में नरमी को देखते हुए शुल्क में कटौती की गयी है. हालांकि, तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके सहयोगी देशों के अचानक से कच्चे तेल उत्पादन में कटौती की घोषणा से इस महीने कच्चे तेल के दाम चढ़े हैं. इस बारे में रेटिंग एजेंसी इक्रा लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग) सब्यसाची मजूमदार ने कहा कि 21 मार्च, 2023 को विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) की समीक्षा के बाद कच्चे तेल के दाम में नरमी आई है. उसको देखते हुए शुल्क में कटौती की गयी है. उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, ओपेक और उसके सहयोगी देशों के प्रतिदिन 11.6 लाख बैरल अतिरिक्त उत्पादन कटौती की घोषणा के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई है. ऐसे में कच्चे तेल की कीमतें अगर आगे भी चढ़ती हैं तो शुल्क दरें फिर बढ़ सकती है.’’ पिछले दो सप्ताह में तेल की औसत कीमतों के आधार पर कर दरों की समीक्षा हर पखवाड़े की जाती है.