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Demat Accounts की संख्या में 34% का उछाल, लेकिन NSE पर घट रही ग्राहकों की संख्या, जानें क्यों

डीमैट अकाउंट्स की संख्या में दिसंबर 2022 में 34 फीसदी का उछाल आया है लेकिन National Stock Exchange (NSE) पर ग्राहकों की संख्या में कमी दर्ज की गई है. इस कमी की क्या है वजह, और फिर दिसंबर 2022 में डीमैट अकाउंट्स की संख्या में वृद्धी क्यों हुई, क्या है Demat Account और इसे कैसे खुलवाएं. ये सब जानेंगे इस रिपोर्ट में....

Demat Accounts
डीमैट अकाउंट्स

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Published : Jan 16, 2023, 11:12 AM IST

हैदराबाद :डीमैट अकाउंट्स की संख्या दिसबंर 2022 में बढ़कर 10.8 करोड़ हो गई है. इसकी संख्या में सालाना आधार पर 34 फीसदी का इजाफा हुआ है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सर्विसेज के एक सर्वे में कहा गया है कि पिछले साल सितंबर में 20 लाख नए डीमैट अकाउंट्स खुलवाए गए, वहीं अक्टूबर और नवम्बर में यह आकड़ा 18-18 लाख रहा. जबकि दिसंबर में इस तरह के खातों की संख्या में 34 फीसदी का इजाफा हुआ और 21 लाख नए खाते खुलवाए गए. हालांकि, यह वित्त वर्ष 2021-22 की औसत खाता संख्या 29 लाख से कम ही है. लेकिन साल 2022 में अन्य महीनों की तुलना में दिसंबर में सबसे ज्यादा डीमैट अकाउंट्स की संख्या में वृद्धी हुई. इस वृद्धी के बावजूद भी NSE पर ग्राहकों की संख्या में कमी दर्ज की गई है. आइए जानते है क्यों....

NSE पर घट रही ग्राहकों की संख्या
डीमैट अकाउंट की संख्या तो बढ़ रही है लेकिन NSE पर ग्राहकों की संख्या घट रही है. यह सिलसिला लगातार छह महीनों से जारी है. उद्योग में सक्रिय उपयोगकर्ता ग्राहक सालान आधार पर 12 फीसदी बढ़े, लेकिन दिसंबर 2022 में महीने दर महीने गिरकर 3.5 करोड़ हो गए. इसके पीछे की वजह क्या है? यस सिक्योरिटीज के पीआरएस इक्विटी रिसर्चर प्रमुख निस्ताशा शंकर के मुताबिक रूस -यूक्रन युद्द, उच्च ब्याज दर का महौल और बढ़ती महंगाई और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों के कारण देखी गई अस्थिरता कारण रही है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सर्विसेज के एक सर्वे अनुसार बाजारों में अस्थिरता बढ़ने से वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही में बाजार में आने वाले ग्राहक अपनी खरीद- बिक्री गतिविधियां कम रहे हैं. लेकिन दिसंबर 2022 में अकाउंट्स की संख्या में वृद्धी हुई है. आइए इसके पीछे की वजह जानते हैं...

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

Demat Accounts में वृद्धी का कारण
पिछले साल 2022 के दिसबंर माह में डीमैट अकाउंट्स की संख्या में 34 फीसदी का उछाल आया है. आइए जानते है इस उछाल की वजह क्या है-

  1. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस शेयर के बढ़ोत्तरी की वजह शेयरों से मिलने वाला आकर्षक रिटर्न है.
  2. डीमैट अकाउंट को खुलवाने की आसान प्रक्रिया होना भी इसकी संख्या में वृद्धी का एक कारण है.
  3. फाइनेंशियल सेविंग या वित्तीय बचत में वृद्धी के कारण भी लोग Demat Accounts की तरफ आकर्षित हो रहे हैं.

Demat Accounts क्या है
मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार शेयर मार्केट से स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए डीमैट अकाउंट का होना जरूरी है. डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह है, जिसमें आप शेयर और अन्य सूचनाओं को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रख सकते हैं. डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटरियलाइजेशन अकाउंट है. इसमें शेयर, बांड, सरकार की शर्ते, म्यूचुअल फंड, बीमा और ईटीएफ जैसे निवेश को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है. गौरतलब है कि जिस तरह से एक बैंक अकाउंट में पैसा होता है, उसी प्रकार से एक डीमैट अकाउंट आपके निवेश को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखता है. यह आपके लैपटॉप या स्मार्ट डिवाइस और इंटरनेट के साथ आसानी से एक्सेस हो सकता है.

कैसे खोलें डीमैट अकाउंट?
भारत में 2 प्रमुख डिपॉजिटरी हैं- नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL). जब आप अपनी ओर से एक डीमैट अकाउंट खोलने के लिए डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) से संपर्क करते हैं, तो वे आमतौर पर CDSL या NSDL के साथ अकाउंट खोलते हैं. आप पसंदीदा डीपी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं.

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