नई दिल्ली : शुक्रवार की सुबह सेंसेक्स की अप्रत्याशित रैली ने निवेशकों को चौंका दिया. मार्केट ने वॉल स्ट्रीट पर रात में हुई गिरावट को बिल्कुल ही नजरअंदाज कर दिया, बल्कि बीएसई पर गिरने वाले हर छठे शेयरों में वृद्धि देखने को मिली. सुबह 10 बजे तक बीएसई का बाजार पूंजीकरण पिछले सत्र में 249.06 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 253.94 लाख करोड़ रुपये हो गया था. जो कि कल की तुलना में 4.87 लाख करोड़ रुपये ज्यादा था. इसके साथ ही बाजार ने गुरुवार की बिकवाली में हुए नुकसान को कुछ हद तक कवर किया है. इसके कुछ कारण हैं जिन्होंने मार्केट सेंटीमेंट को बढ़ाया. दोपहर दो बजे तक सेंसेक्स 1300 अकों के उपर ट्रेड कर रहा था.
मोल - भाव में तलाश करना:मार्च 2020 के बाद गुरुवार को प्रमुख सूचकांकों में सबसे खराब दैनिक गिरावट के बाद यह पहला दिन था. हाल के सुधार में कई मूल्यांकन मापदंडों में ढील दी गई है, यहां तक कि बाजार अभी भी विश्लेषकों के उचित मूल्यांकन से थोड़ा दूर ही है. जैसे बीएसई का मार्केट कैप 253 लाख करोड़ रुपये था और वित्त वर्ष 22 के अग्रिम नाममात्र जीडीपी अनुमान 236.44 लाख करोड़ रुपये में, मार्केट कैप-टू-जीडीपी अनुपात 107 पर आता है. जबकि मार्केट कैप-टू- पर 100 से ऊपर का मूल्य- जीडीपी अनुपात को महंगा माना जाता है. जिसे बफेट संकेतक के रूप में भी जाना जाता है. भारत के लिए यह स्तर अप्रैल के उच्च स्तर 116 के स्तर से नीचे आ गया है. इसके अलावा निफ्टी 50 अब 12 महीने के फॉरवर्ड पीई अनुपात (PE ration) 17.5 गुना पर कारोबार कर रहा है, जो पूर्व-कोविड तीन साल के औसत के अनुरूप है और पूर्व-कोविड पांच साल के औसत 16.9 गुना से थोड़ा ऊपर है.