नई दिल्ली: केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद असम और नागालैंड सरकार के बीच चर्चा हुई. दोनों राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों में तेल की खोज की अपार संभावनाएं हैं. यह कहते हुए ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ रंजीत रथ ने ईटीवी भारत से कहा है कि तेल पीएसयू बहुत जल्द दोनों राज्य सरकारों के बीच एक समझौते की उम्मीद कर रही है. समझौते होने के बाद ओआईएल तेल की खोज का काम आगे बढ़ा सकेगा.
डॉ रंजीत रथ का दिया गया बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि नगा विद्रोही संगठन-नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN-IM) पहले ही असम-नागालैंड सीमा पर इस तरह के संयुक्त खोजों का विरोध कर चुके है. ऐसे में इनके विरोध विवाद समाधान के बिना असम-नागालैंड बॉर्डर पर तेलों की खोज संभव नहीं है. हालांकि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Minister Himanta Biswa Sarma) और नागालैंड के उनके समकक्ष नीफ्यू रियो (Neiphiu Rio) ने हाल के दिनों में कहा है कि दोनों राज्य सीमावर्ती क्षेत्रों में तेल की खोज के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर साइन करेंगे.
सेसाबिल क्षेत्र में हाइड्रोकार्बन का स्रोत मिला
असम में तेल की क्षमता पर जोर देते हुए रथ ने कहा कि 'कंपनी ने अपनी खोज में पाया है कि असम शेल्फ बेसिन में सेसाबिल क्षेत्र में वर्ष के दौरान एक नई हाइड्रोकार्बन का स्रोत पाया है. हालांकि हम सेसबिल बेसिन में शुरुआती चरण में हैं, लेकिन इसके बावजूद भी यह हमारे लिए बहुत बड़ी संपत्ति है.' तेल दिग्गज ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में अपनी स्थापना के बाद से 6,810.40 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक नेट प्रॉफिट कमाया है. वहीं, गैस उत्पादन और तेल में वृद्धि के कारण कंपनी का साल दर साल परिचालन आय (YoY) 77.20 फीसदी से बढ़ा है.