मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) लोगों की साख के बारे में सूचना और सेवा देने वाले वित्तीय संस्थानों और कंपनियों को लेकर शिकायत निपटान व्यवस्था मजबूत करेगा. साथ ही ग्राहक सेवा को मजबूत करने और उसमें सुधार के लिये एक व्यापक रूपरेखा भी तैयार की जाएगी. कर्ज को लेकर ग्राहकों की साख के बारे में जानकारी देने वाली कंपनियों (सीआईसी) के कामकाज के संबंध में ग्राहकों की शिकायतें बढ़ने के साथ यह निर्णय लिया गया है.
'क्रेडिट स्कोर' निपटान व्यवस्था होगी मजबूत : आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा, ‘आरबीआई ने लोगों को उनकी साख के बारे में सूचना और सेवा देने वाले वित्तीय संस्थानों (सीआई) और कंपनियों (सीआईसी) द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को लेकर शिकायत निपटान व्यवस्था और ग्राहक सेवा को मजबूत करने और उसमें सुधार के लिये एक व्यापक रूपरेखा तैयार करने का निर्णय किया है.’
क्रेडिट’ अपडेट में देरी पर मुआवजा : दास ने कहा, ‘इसके लिये सीआईसी को रिजर्व बैंक की एकीकृत ओम्बुड्समैन योजना के दायरे में लाया गया है.’ इसके अलावा, ‘क्रेडिट’ जानकारी को अपडेट करने या सुधार में देर होने पर मुआवजा व्यवस्था का भी प्रस्ताव किया गया है. साथ ही क्रेडिट सूचना कंपनयों से किसी ग्राहक के बारे में साख संबंधी जानकारी प्राप्त करने पर संबंधित ग्राहक को एसएमएस/ईमेल के जरिये सूचित करने का प्रावधान किया जाएगा.
विस्तृत दिशा- निर्देश जल्द जारी : क्रेडिट संस्थानों से क्रेडिट सूचना कंपनियों को मिलने वाले आंकड़ों के लिये समय सीमा और सीआईसी की वेबसाइट पर प्राप्त ग्राहक शिकायतों की संख्या और प्रकृति से संबंधित जानकारी देने का प्रावधान करने का भी निर्णय किया गया है. दास ने कहा कि इस बारे में विस्तृत दिशानिर्देश जल्द जारी किया जाएगा.
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