नई दिल्ली :घरेलू कोयले का उत्पादन जनवरी 2023 के दौरान 13 प्रतिशत बढ़कर 89.96 मिलियन टन हो गया. जो पिछले साल की इसी अवधि में 79.65 मिलियन टन था. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2023 के दौरान, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने 11.44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की. जबकि सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) और कैप्टिव खदानों ने क्रमश: 13.93 प्रतिशत और 22.89 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.
कोयला उत्पादन 13 फीसदी से बढ़ा
शीर्ष 37 कोयला उत्पादक खानों में से 28 खानों ने 100 प्रतिशत से अधिक शुष्क ईंधन का उत्पादन किया. तीन खानों का उत्पादन जनवरी 2023 के दौरान 80 से 100 प्रतिशत के बीच रहा. वहीं, पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में जनवरी 2023 के दौरान कोयला प्रेषण 8.54 प्रतिशत बढ़कर 75.47 मिलियन टन से 81.91 मिलियन टन हो गया. जनवरी 2023 के दौरान, सीआईएल, एससीसीएल और कैप्टिव खानों ने क्रमश: 64.45 मिलियन टन, 6.84 मिलियन टन और 10.61 मिलियन टन कोयला भेजकर क्रमश: 6.07 प्रतिशत, 14 प्रतिशत और 21.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की. जनवरी 2022 में पंजीकृत 62.70 मिलियन टन की तुलना में जनवरी 2023 के दौरान बिजली उपयोगिताओं का प्रेषण 8.01 प्रतिशत बढ़कर 67.72 मिलियन टन हो गया.
कोयला खदानों में ड्रोन तकनीक की शुरूआत
कोयला खदानों में ड्रोन तकनीक की शुरूआत की गई है. कोयला मंत्रालय के महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) ने कोयला खदानों में यह ड्रोन तकनीक की शुरूआत की है. इसके लिए एक वेब-आधारित पोर्टल विहंगम लॉन्च किया गया है. यह पोर्टल खान कर्मियों को खानों के पास 40 एमबीपीएस इंटरनेट लीज लाइन के माध्यम से वास्तविक समय के ड्रोन वीडियो का उपयोग करने में मदद करता है.
ड्रोन प्रणाली पोर्टल के माध्यम से संचालित होगा
इसमें एक नियंत्रण केंद्र भी है, जो ड्रोन को संचालित करता है और खास बात यह है कि पूरी प्रणाली को कहीं से भी पोर्टल के माध्यम से संचालित किया जा सकता है. यह प्रायोगिक परियोजना वर्तमान में तालचेर कोलफील्ड्स की भुवनेश्वरी और लिंगराज ओपनकास्ट खदानों में शुरू की गई है. कोयला मंत्रालय के मुताबिक वर्तमान में एमसीएल खनन प्रक्रिया के डिजिटलीकरण के उद्देश्य से पर्यावरण निगरानी, मात्रा माप और खदान की फोटोग्राममेट्रिक मैपिंग के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है.