नई दिल्ली : अपना घर हो यह हर किसी का सपना होता है. वर्तमान समय में होम लोन इतनी आसानी से मिल रहें हैं कि ज्यादातर लोग होम लोन लेकर फ्लैट खरीद लेना चाहते हैं. लोगों को यह एसेट की तरह लगता है लेकिन क्या वाकई में फ्लैट एसेट्स होते है या लायबिलिटी होती है. क्या हमें फ्लैट खरीदना चाहिए या किराए के मकान में रहना चाहिए. इन्हीं सब सवालों का जवाब जानने के लिए Etv Bharat ने बात की आर्थिक मामलों के जानकार SBI के पूर्व मैनेजर वी.के सिन्हा से.
ईटीवी भारत के सवाल का जवाब देते हुए वी.के सिन्हा ने बताया कि फ्लैट खरीदना या किराए के मकान में रहना लोगों की सिचुएशन पर निर्भर करता है. लेकिन लोन पर फ्लैट लेना एक एसेट नहीं बल्कि लायबिलिटी है. उदाहरण देकर समझाते हुए उन्होंने कहा मान लें आप 2Bhk फ्लैट 40 लाख रुपये में खरीद रहें. 5 लाख रुपये डाउन पेमेंट किया और बाकी 35 लाख रुपये की लोन लेते हैं. 9 फीसदी इंटरेस्ट रेट पर होम लोन मिल जाता है. इस इंटरेस्ट रेट पर 20 साल के 31,490 रुपये की EMI बनती है. इस तरह ईएमआई पूरा चुकाने पर वह फ्लैट आपका होगा. लेकिन तब तक 20 साल में उस फ्लैट का कंट्रक्शन पुराना हो जाएगा और फिर उसकी वैल्यूएशन कम हो जाएगी.
वहीं, अगर किराए के मकान में रहते हैं तो क्या होगा. इस पर वी.के सिन्हा ने बताया कि आपके सिर पर कोई लाईलबिटी नहीं होगी और लाइबलिटी न खरीदना भी एसेट बनाना जैसा होता है. वहीं, अगर आप घर खरीदना चाहते हैं तो Raw House यानी जमीन से जुड़ा घर खरीदें. क्योंकि जमीन हमेशा से एक एसेट रहा है और वह बाद में भी आपको एक अच्छा रिटर्न देगा.