नई दिल्ली :युवाओं को कुशल बनाने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 शुरू की जाएगी. विभिन्न राज्यों में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित किए जाएंगे. 3 वर्षों में 47 लाख युवाओं को स्टाइपेंड सहायता प्रदान करने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) शुरू किया जाएगा. केन्द्रीय वित्त निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि हमारे युवाओं को सशक्त बनाने और 'अमृत पीढ़ी' के सपने साकार करने में मदद करने हेतु, हमने बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करने में सहायक आर्थिक नीतियां अपनाई हैं. साथ ही व्यवसाय के अवसरों का समर्थन किया है. वित्त मंत्री के मुताबिक केंद्रीय बजट 2023-24 में सात प्राथमिकताओं को अपनाया गया है. यह एक-दूसरे की संपूरक हैं और सप्तऋषि के रूप में अमृत काल में हमारा मार्गदर्शन करती हैं। युवा शक्ति हमारे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है.
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि अगले तीन वर्षों में लाखों युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 शुरू की जाएगी. ऑन जॉब प्रशिक्षण, उद्योग साझीदारी और उद्योग की जरूरतों के साथ पाठ्यक्रमों के संरेखन पर जोर दिया जाएगा. उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि यह योजना इंडस्ट्री 4.0 जैसे कोडिंग, एआई (कृत्रिम बुद्धिमता), रोबोटिक्स, मेकाट्रॉनिकस, आईओटी, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोनों और सॉफ्ट स्किल जैसे नये युग के पाठ्यक्रमों को शामिल करेगी.
Budget News : 3 साल में 47 लाख युवाओं को स्टाइपेंड, डीबीटी के जरिए मिलेगा लाभ - प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
बजट 2023-24 के बजट में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 शुरू करने की घोषणा की गई है. युवाओं को कौशल बढ़ाने के लिए देश भर में स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खोले जायेंगे. पढ़ें पूरी खबर..
30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर
वित्त मंत्री ने युवाओं को अंतरराष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने हेतु अलग-अलग राज्यों में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा. वित्त मंत्री ने घोषणा की कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत तीन वर्षों में 47 लाख युवाओं को वृत्तिका सहायता प्रदान करने के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण शुरू किया जाएगा.
वित्त मंत्री ने सूचित किया कि निम्नलिखित एकीकृत स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म की शुरूआत कर कौशलवर्धन हेतु डिजिटल तंत्र को और विस्तार प्रदान किया जाएगा. इसके बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि यह, मांग आधारित औपचारिक कौशलवर्धन सक्षम करेगा. एमएसएमई सहित नियोक्ताओं के साथ जोड़ेगा, और उद्यमिता योजनाओं की सुलभता सुगम बनाएगा.
(आईएएनएस)
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