नई दिल्ली:केंद्र 740 एकलव्य मॉडल स्कूलों के लिए 38,800 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति करेगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में केंद्रीय बजट पेश करते हुए इसकी घोषणा की. सीतारमण ने कहा, 'देश में एक राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय बनाया जाएगा. 157 नए नर्सिग कॉलेज बनाए जाएंगे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए तीन उत्कृष्टता संस्थान बनाए जाएंगे. 47 लाख युवाओं को 3 साल में प्रशिक्षित किया जायेगा.'
वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ मिलकर 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे. एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय भारत सरकार की एक योजना है. यह योजना पूरे भारत में अनुसूचित जनजातियों को शिक्षित बनाने में विशेष रूप से सहायक होगा. यह योजना केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय से संबंधित है. योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आदिवासी छात्रों को दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले.
इस साल के केंद्रीय बजट में केंद्र ने 3 साल में 47 लाख युवाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, पीएमकेवीवाई 4.0, राष्ट्रीय प्रशिक्षु योजना, कोडिंग में उद्योग के साथ साझेदारी में नौकरी प्रशिक्षण, आईओटी, ड्रोन, मेक्ट्रोनिक्स और एआई से संबंधित नई पहलों की भी केंद्रीय बजट में घोषणा की गई है. 100 इंजीनियरिंग कॉलेजों में 5जी केंद्र की शिक्षाविदों ने सराहना की. केंद्रीय वित्त मंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल और भौतिक दोनों तरह के पुस्तकालय खोलने की घोषणा की. शैक्षिक संस्थानों का मानना है कि यह ग्रामीण भारत में साक्षरता दर के साथ-साथ नामांकन अनुपात को बढ़ाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा.
इस वर्ष शिक्षा मंत्रालय को 1.12 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो 2022-23 में 1.04 लाख करोड़ रुपये से 8 प्रतिशत की मामूली वृद्धि है. आईआईएलएम यूनिवर्सिटी गुरुग्राम के प्रो वाइस चांसलर प्रोफेसर अरविंद चतुर्वेदी ने कहा कि 8 फीसदी की बढ़ोतरी पर्याप्त नहीं है. इस साल अधिक आवंटन की उम्मीद थी, इस लिहाज से यह निराशाजनक है. सीतारमण के मुताबिक, बच्चों और किशोरों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाएगी. उन्होंने बताया कि नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी पंचायत और वार्ड स्तर तक खोली जाएगी. नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी में हर उम्र के हिसाब से किताबें उपलब्ध होंगी. हिंदी और अंग्रेजी के अलावा विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में भी किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी.