नई दिल्ली :अंग्रेजी के अखबार मिंट में शुक्रवार को प्रकाशित एक खबर के मुताबिक टाटा समूह की कंपनी टीसीएस में बड़े घोटाले की जांच चल रही है. यह घोटाला नियुक्ति प्रक्रिया से संबंधित है. इस धटना के संबंध में घटनाक्रम से अवगत दो अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि एक व्हिसलब्लोअर ने टीसीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मुख्य परिचालन अधिकारी और रिसोर्स मैनेजमेंट ग्रुप (आरएमजी) के एक वरिष्ठ कार्यकारी को कई वर्षों से स्टाफिंग फर्मों से रिश्वत लेने की सूचना दी थी. हालांकि टीएसएस ने इसे कंपनी का अंदरुनी मामला नहीं माना है और अपनी सफाई भी दी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि व्हिसलब्लोअर की शिकायत मिलने के बाद, टीसीएस ने आरोपों की जांच के लिए तुरंत कंपनी के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी अजीत मेनन सहित तीन अधिकारियों की एक टीम गठित की. रिपोर्ट में कहा गया है कि हफ्तों की जांच के बाद, टीसीएस ने भर्ती प्रमुख को छुट्टी पर भेज दिया. इसके साथ ही रिसोर्स मैनेजमेंट ग्रुप के चार अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. तीन स्टाफिंग फर्मों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है. अखबार ने स्वतंत्र रूप से उन स्टाफिंग फर्मों के नामों का पता नहीं लगा सका जिन्हें काली सूची में डाला गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि कंपनी को अभी भी अनियमितताओं के पैमाने का पता लगाना बाकी है. मिंट के खबर के मुताबिक, दो अधिकारियों में से एक ने कहा कि घोटाले में शामिल लोगों ने कमीशन के माध्यम से 100 करोड़ रुपये कमाए होंगे. मिंट में प्रकाशित टीसीएस के आधिकारिक बयान के मुताबिक, टीसीएस की भर्ती गतिविधियां आरएमजी द्वारा नियंत्रित नहीं की जाती हैं. ज्यादातर काम ठेके पर होता है. दूसरी ओर मनी कंट्रोल बेवसाइट पर प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, टीसीएस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि कंपनी ने आरोपों की जांच शुरू कर दी है.