नई दिल्ली : द ग्लोबल अथॉरिटी ऑन वर्कप्लेस कल्चर, ग्रेट प्लेस टू वर्क, ने हाल ही में भारत की 'टॉप 100 कंपनीज टू वर्क फॉर' की सूची जारी की है, जिसमें सभी उद्योगों में कार्यस्थल के शानदार महौल के प्रभाव पर प्रकाश डाला गया है. अपने पारंपरिक 'फॉर ऑल मॉडल' और 'ट्रस्ट इंडेक्स सर्वे' के आधार पर संगठनों को मान्यता देने और सकारात्मक कर्मचारी अनुभव प्रदान करने के उपकरणों के साथ वार्षिक सर्वेक्षण में देश की शीर्ष 100 कंपनियों को एक उद्देश्यपूर्ण और कार्यस्थल संस्कृति मूल्यांकन की कठोर प्रक्रिया के माध्यम से चुना गया है. भारत में संस्थान 20 से अधिक उद्योगों में सालाना 1800 से अधिक संगठनों के साथ भागीदारी करता है.
इस वर्ष, इंडियाज बेस्ट कंपनीज टू वर्क फॉर 2023 में हिल्टन इंडिया को देश की नंबर एक कंपनी और होटल एंड रिजॉर्ट्स उद्योग में सर्वश्रेष्ठ चुना गया था. सिस्को सिस्टम्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड दूसरे नंबर पर है, जबकि उसके बाद तीसरे स्थान पर आरईए इंडिया और चौथे स्थान पर सेल्सफोर्स है. इस साल विप्रो 12वें, एक्सेंचर 15वें, एरिक्सन 16वें, एचपी 20वें और इंफोसिस 58वें स्थान पर रहा. एसएंडपी ग्लोबल इंडिया ने 2022 में 67 के अपने पिछले स्थान से 24 रैंक की प्रगति करते हुए 43वें स्थान पर छलांग लगाई है. अहमदाबाद, हैदराबाद, गुरुग्राम, बेंगलुरु, मुंबई और नोएडा में इसके कार्यालयों में विविधता के साथ 12,500 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं जिसमें डायवर्सिटी दर 35 प्रतिशत है.
समान अवसर से उच्च उत्पादकता
ग्रेट प्लेस टू वर्क इंडिया रैंकिंग की घोषणा करते हुए इसके सीईओ और सीरियल एंटरप्रेन्योर यशस्विनी रामास्वामी ने कहा, चाहे कोई भी उद्योग हो, हमने देखा है कि जब संगठन उचित भुगतान करते हैं, उचित व्यवहार करते हैं, और बेहतर काम करने का बेहतर माहौल प्रदान करते हैं, समग्र अनुभव पांच गुना या अधिक बेहतर होता है. सभी जनसांख्यिकी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने से न केवल 8 प्रतिशत उच्च उत्पादकता होती है बल्कि नवाचार में 10 प्रतिशत की वृद्धि भी होती है. इंब्रेसिंग फॉर ऑल लीडरशिप के कारण औसतन 63 प्रतिशत ज्यादा कर्मचारी अपने काम में मायने तलाश लेते हैं जिससे फर्क साफ दिखता है और बेहतर भविष्य बनता है.