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त्योहारी सीजन में साइबर ठगी का शिकार होने से पहले हो जाएं सावधान

आजकल ऑनलाइन शापिंग का चलन काफी बढ़ गया है. ज्यादातर लोग देश में इन दिनों डिजिटल पेमेंट को ही फर्स्ट प्रायोरिटी देते हैं. ऐसे में साइबर अपराधी लोगों को त्योहार के दौरान कई तरह के फिशिंग ईमेल और मैसेज भेजकर ठगी करते हैं. तो इस ठगी से कैसे बचें ? cyber fraud during the festive season, Be careful before becoming a victim of cyber fraud, happy diwali, diwali shopping, fraud during diwali shopping

त्योहारी सीजन में साइबर ठगी का शिकार होने से पहले हो जाएं सावधान
त्योहारी सीजन में साइबर ठगी का शिकार होने से पहले हो जाएं सावधान

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 12, 2023, 11:33 AM IST

Updated : Nov 12, 2023, 1:31 PM IST

हैदराबाद: त्योहारी सीजन के दौरान साइबर अपराधी सक्रिय हो जाते हैं, उन्हें लगातार ऐसे लोगों की तलाश रहती है जिन्हें वे आसानी से अपने ठगी का शिकार बना सकें. खासकर त्योहार के दौरान इनकी नजर ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल लेनदेन करने वालों पर रहती है. बता दें, आजकल ऑनलाइन शापिंग का चलन काफी बढ़ गया है और ज्यादातर लोग देश में आजकल डिजिटल पेमेंट को ही फर्स्ट प्रायोरिटी देते हैं. ऐसे में साइबर अपराधी लोगों को त्योहार के दौरान कई तरह के फिशिंग ईमेल और मैसेजे भेजते हैं, साथ ही आपकी व्यक्तिगत जानकारी और धन चुराने के प्रयास में नकली वेबसाइट भी बनाते हैं. तो इस दिवाली आप थोड़ी सी जागरूकता और सतर्कता से अपनी सुरक्षा कर सकते हैं. हम आपको यहां कुछ ऐसी जानकारी देंगे, जिससे आप त्योहारी सीजन में साइबर ठगी का शिकार होने से अपने आप को बचा सकेंगे.


व्हाट्सएप और एसएमएस पर लिंक वाले मैसेजेज
आपको किसी वैलिड कंपनी से होने का दावा करने वाले अज्ञात नंबरों से व्हाट्सएप पर एसएमएस और टेक्स्ट मैसेजेज आ सकते हैं. इन मैसेज में एक लिंक होता है और मेसेज पाने वालों को गिफ्ट कार्ड का दावा करने के लिए लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है. हालांकि, वास्तव में, लिंक मैलवेयर इंस्टॉल करता है जो आपकी गतिविधियों को ट्रैक कर सकता है. गिफ्ट कार्ड घोटाले से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि कभी भी किसी अज्ञात नंबर से आए लिंक पर आप क्लिक ना करें, हमेशा इस बात पर धयान रहें कि कोई मुझे उपहार कार्ड क्यों भेजेगा और कुछ भी मुफ्त नहीं मिलता. साथ ही, कभी भी किसी तीसरे पक्ष की वेबसाइट पर पर्सनल डिटेज दर्ज ना करें या ओटीपी शेयर ना करें.

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कूरियर स्कैम
कूरियर स्कैम एक नए तरह का स्कैम है. इस स्कैम में साइबर अपराधी और साइबर ठग लोगों से कस्टम का अधिकारी और कूरियर कंपनी का आधिकारी बनकर बात करते हैं और उनके नाम पर डराते हैं. स्कैमर लोगों को फोन करके कहते हैं कि उनका एक पार्सल आया है जिसमें अवैध सामान है. उसके बाद ये स्कैमर लोगों को झांसे में लेने के लिए उन्हें वीडियो कॉल करते हैं. उसके बाद बैंक अकाउंट की जानकारी लेकर उनसे वेरिफिकेशन के नाम पर ठगी करते हैं.

कूरियर स्कैम से बचने का क्या है तरीका ?
कूरियर सेवाओं या कानून प्रवर्तन एजेंसियों से और अप्रत्याशित कॉलों से सावधान रहें.
स्कैमर कॉल या मैसेज पर जो कहते हैं उस पर विश्वास करने में जल्दबाजी ना करें.
अपने विवरण, (Personal details), बैंक अकाउंट की जानकारी साझा ना करें. उन्हें कभी भी किसी तरह का भुगतान ना करें, भले ही वे आपको कितना भी डराये या जल्दबाजी दिखाएं.
विचार करें कि आपने कोई कूरियर ऑर्डर किया ही नहीं है तो फिर आपके पास कूरियर का कॉल क्यों आ रहा है.
अगर कोई बार-बार परेशान कर रहा है तो उसे ब्लॉक कर दें और साइबर थाने में इसकी शिकायत करें.
इस तरह के स्कैम के बारे में शिकायत करने के लिए 155260 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर जाकर ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करा सकते है.

ईमेल के माध्यम से फिशिंग हमले
त्यौहारी सीजन के दौरान शुभकामनाएं भेजने के लिए व्यवसाय आमतौर पर ईमेल का उपयोग करते हैं. हैकर्स आमतौर पर ऐसे अवसरों का फायदा उठाते हैं. आकर्षक टैगलाइन के साथ ईमेल भेजते हैं. ईमेल रिसीव करने वालों को ऐसे ईमेल में दिए गए लिंक पर क्लिक करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए. उन्हें ईमेल में व्याकरण और वर्तनी की गलतियों पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि गलत अंग्रेजी एक खतरे का संकेत है. ईमेल रिसीव करने वालों को ईमेल एड्रेस पर भी ध्यान देना चाहिए.

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Last Updated : Nov 12, 2023, 1:31 PM IST

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