नई दिल्ली : अमेरिका से सिलिकॉन वैली बैंक से शुरु हुआ बैंकिंग संकट यूरोप तक जा पहुंचा. इसके बाद अब जर्मनी के बैंकों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. जर्मनी के सबसे बड़े बैंक की आर्थिक स्थिति ठीक नजर नहीं आ रही है. दरअसल शुक्रवार को Deutsche Bank के स्टॉक प्राइस में 8 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई. निवेशकों के बीच Banking System को लेकर अनिश्चितता का माहौल है. जिस कारण से शुक्रवार को Deutsche Bank के शेयरों में जबरदस्त बिकवाली देखी गई. विदित हो कि पहले इसके शेयर 15 फीसदी से गिरे फिर कुछ सुधार हुआ. लेकिन अंत में 8 फीसदी की गिरावट के साथ 8.54 यूरो पर इसके शेयर बंद हुए थे.
बैंकों के शेयर क्यों गिर रहे :बैंक के शेयरों में गिरावट का कारण केवल वैश्विक बैंकों पर भारी दबाव नहीं है, बल्कि साल 2020 के मुकाबले बैंक की Credit-Default Swap Insurance की लागत में कई गुना तक का इजाफा होना है. जिसस कारण से बैंकों के शेयरधारकों में अविश्वास पैदा हो गया है और शेयरों में बिकवाली तेज हो गई है. विदित हो कि क्रेडिट-डिफॉल्ट स्वैप बीमा एक तरह का इंश्योरेंस है जो बैंक किसी कंपनी या ब्रांड को Default के एवज में देती है.
जर्मनी का सबसे बड़ा बैंक संकट में :जर्मनी की अर्थव्यवस्था में Deutsche Bank की अहम भूमिका है. 1.4 ट्रिलियन की कुल संपत्ति के साथ यह वहां का सबसे बड़ा बैंक है. इसे दुनिया के सबसे सुरक्षित बैंकों में से एक माना जाता है. यह बैंक न केवल जर्मनी के काम काज को देखता है बल्कि अन्य कई देशों के साथ भी व्यापार करता है. और इस व्यापार में यह आमतौर पर सबसे ज्यादा कोरपोरेट कर्ज देता है. ऐसे में अगर Deutsche Bank पर किसी तरह का कोई संकट आता है, तो यह पूरे यूरोप को अपनी चपेट में ले सकता है.