मार्केट कैप में ₹10 लाख करोड़ का आंकड़ा पार करने वाला पांचवां बिजनेस हाउस बना बजाज ग्रुप
टाटा ग्रुप, मुकेश अंबानी ग्रुप, एचडीएफसी बैंक और अडाणी ग्रुप को पछाड़ते हुए बजाज ग्रुप मार्केट कैप में 10 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने वाला पांचवां बिजनेस हाउस बन गया है. पढ़ें पूरी खबर...( Bajaj Group company stocks, Bajaj Holdings and Investment, bajaj market cap, Maharashtra Scooters)
मुंबई:बजाज ग्रुप मार्केट कैप में 10 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने वाला पांचवां बिजनेस हाउस बन गया है. इससे पहले टाटा ग्रुप, मुकेश अंबानी ग्रुप, एचडीएफसी बैंक और अडाणी ग्रुप यह मुकाम हासिल कर चुके हैं. बजाज समूह की कंपनी के शेयरों में, बजाज ऑटो में सबसे अधिक उछाल देखा गया, जो इस साल 72 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया. बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व में 12 प्रतिशत और 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि बजाज होल्डिंग्स एंड इन्वेस्टमेंट और महाराष्ट्र स्कूटर्स में 36 प्रतिशत और 74 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
ट्रायम्फ बाइक लॉन्च के बाद बजाज ऑटो का बढ़ा शेयर दिवंगत राहुल बजाज समूह से जुड़ी सभी पांच सूचीबद्ध कंपनियों ने अलग-अलग प्रदर्शन किया है. बजाज फिनसर्व और बजाज फाइनेंस का नेतृत्व संजीव बजाज द्वारा किया जाता है, जबकि बजाज ऑटो का नेतृत्व राजीव बजाज द्वारा किया जाता है. बता दें, महाराष्ट्र स्कूटर्स बजाज होल्डिंग्स एंड इन्वेस्टमेंट की सहायक कंपनी है. इस साल की शुरुआत में ट्रायम्फ बाइक के लॉन्च के बाद बजाज ऑटो की उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जिससे इसके शेयरों में भी बढ़ोतरी हुई है.
कंपनी को है ये उम्मीद बता दें, सीईओ राजीव बजाज ने महत्वाकांक्षी योजनाओं का अनावरण किया, जिसमें बजाज ट्रायम्फ्स के लिए 10,000 इकाइयों की मासिक बिक्री का लक्ष्य रखा गया. कंपनी को उम्मीद है कि इस वित्तीय साल की तीसरी तिमाही में प्रोडक्शन और सेल बढ़कर 18 हजार यूनिट हो जाएगी. वहीं, ब्रिटिश मोटरसाइकिल ब्रांड ट्रायम्फ के सहयोग से दिसंबर में नए प्रोडक्ट लॉन्च के लिए तैयार हैं. ट्रायम्फ स्पीड 400 और स्क्रैम्बलर 400 एक्स मोटरसाइकिलें जुलाई से भारत में उपलब्ध हैं. इस कदम से कंपनी की प्रोडक्ट चेन में विविधता आई है. बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व ने न्यूनतम रिटर्न देखा है.
प्रोडक्शन पर पड़ेगा और दबाव विश्लेषकों के अनुसार, वित्तीय सेवा क्षेत्र में जियो फाइनेंशियल सर्विसेज और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे प्रमुख खिलाड़ियों के प्रवेश से प्रतिस्पर्धा बढ़ने की उम्मीद है, जिससे बजाज फाइनेंस की विकास संभावनाएं प्रभावित होंगी. बी2बी और बी2सी सेगमेंट में बढ़ती प्रतिस्पर्धा से बजाज फाइनेंस की मध्यम अवधि की लाभप्रदता प्रभावित हो सकती है. विश्लेषकों ने कहा कि निजी बैंकों का 'अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें' पर जोर देने और व्यक्तिगत ऋण की ओर बदलाव से बी2सी बुक में प्रोडक्शन पर और दबाव पड़ेगा.