नई दिल्ली : एयर इंडिया ने दो यूनियनों के विरोध के बावजूद पायलटों के लिए संशोधित मुआवजा ढांचे को स्वीकार करने की समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया है. सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है. एयर इंडिया द्वारा आयोजित 4 मई की टाउन हॉल मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया. मीटिंग में कई पायलटों की चिंताओं पर सोच- विचार किया गया था. सूत्रों ने खुलासा किया कि बैठक के दौरान, लगभग 800 पायलट टाउन हॉल मीटिंग में मौजूद थे. जो अभी तक नए मुआवजे के ढांचे पर सहमत नहीं हुए थे.
इस सप्ताह के अंत तक का समय : बैठक की अध्यक्षता एयर इंडिया के चीफ ऑफ ऑपरेशंस कैप्टन राजविंदर सिंह संधू ने की, जो खुद एक पायलट हैं. एयरलाइन ने नए अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने के लिए पायलटों को इस सप्ताह के अंत तक का समय दिया है. इस बीच, दो पायलट यूनियन - इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (आईसीपीए) और इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) ने एयरलाइन के संशोधित मुआवजे के ढांचे पर चर्चा के लिए मंगलवार को एक संयुक्त बैठक बुलाई.
800 पायलटों ने रिवाइज्ड कंपनसेशन स्ट्रक्चर पर साइन नहीं किया : एक सूत्र के अनुसार, बड़ी संख्या में पायलट नए अनुबंधों पर हस्ताक्षर नहीं करने के अपने रुख पर अड़े रहे. पायलटों द्वारा उठाई गई चिंताओं को देखते हुए, एयरलाइन ने नए अनुबंधों के बारे में निर्णय लेने के लिए समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया. विस्तारित समय सीमा अब इस सप्ताह के अंत तक पायलटों को अपना मन बनाने की अनुमति देती है.