इस्लामाबाद :नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से बड़ी राहत मिली है. पाकिस्तान सरकार और मुद्रा कोष तीन अरब डॉलर के बहुप्रतीक्षित समझौते पर पहुंच गये हैं. इससे पाकिस्तान को वैश्विक झटकों से निपटने और अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करने में मदद मिलेगी. यह समझौता कर्मचारियों के स्तर पर है. अत: यह मुद्रा कोष के कार्यकारी निदेशक मंडल की मंजूरी पर निर्भर है.
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट से गुजर रही है. पिछले कई साल से तीव्र गिरावट की स्थिति है. इससे गरीब जनता पर अनियंत्रित महंगाई के रूप में दबाव आ गया है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों के लिये गुजारा करना लगभग असंभव हो गया है.
225 करोड़ रुपये कर्ज के लिए हुआ समझौता
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पाकिस्तान में मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर ने गुरुवार को एक बयान में कहा, ‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आईएमएफ टीम ने पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ नौ महीने के स्टैंड-बाय अरेंजमेंट (एसबीए) के तहत 225 करोड़ कर्ज के लिए ‘स्टाफ लेबल’ समझौता हुआ है. ये डील विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights) SDR के तहत हुई है. वहीं, अगर इस रकम को डॉलर में काउंट करें तो यह लगभग 3 अरब अमेरिकी डॉलर की राशि के बराबर है.