नई दिल्ली : अडाणी समूह को लेकर 24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की. जिसमें उसने अडाणी समूह पर धोखाधड़ी समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद से Adani Group को संपत्ति में भारी नुकसान हुआ. रिपोर्ट के जारी होने से अब तक अडाणी ग्रुप को 125 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए कंपनी ने निर्णय लिया कि वह नए प्रोजेक्ट में हाथ न लगा कर पहले अपने कर्जों का भुगतान करेगी. इसी क्रम में कंपनी अपने कई महत्वकांक्षी परियोजनाओं से अपने कदम पीछे खींचने लगी.
इन प्रोजेक्ट से पीछे हटी अडाणी समूह
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडाणी समूह को वित्तीय समस्याएं शुरू हो गई. उन्हें अपने कई महत्वकांक्षी परियोजनाओं को रोकना पड़ा. मसलन एल्यूमीनियम, इस्पात और सड़क परियोजना से जुड़े प्रोजेक्ट पर से भी वह अपने हाथ पीछे कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अडाणी समूह अब मुंद्रा पेट्रोकेमिकल्स प्रोजेक्ट से पीछे हट रहा है और पश्चिमी भारत के मुंद्रा में 4 बिलियन डॉलर के ग्रीनफील्ड कोल- टू-पॉलिविनाइल क्लोराइड परियोजना के साथ भी आगे बढ़ने की संभावना नहीं है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार Adani Group बिजली उत्पादन, बंदरगाह और ग्रीन एनर्जी पर फोकस करना चाहती है.