नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने विपणन सीजन 2022-23 में अबतक 830 लाख टन से अधिक धान की खरीदारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की है. जिससे लगभग 1.22 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचा है. फूड मिनिस्ट्री ने बुधवार को एक प्रेस रिलीज जारी कर यह जानकारी दी है. प्रेस रिलीज में आगे कहा गया है कि अब तक 171,000 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर किया जा चुका है.
गेहूं की खरीद 262 लाख टन
इस साल चल रहे रबी विपणन सीजन (आरएमएस) 2023-24 के दौरान गेहूं की अच्छी खरीद देखने को मिल रही है. अब तक गेहूं की खरीद 262 लाख टन हुई है, जो पिछले साल की कुल खरीद 188 लाख टन से काफी अधिक है. लगभग 55,680 करोड़ रुपये के MSP भुगतान के साथ चल रहे गेहूं खरीद कार्यों से लगभग 21.29 लाख किसान पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं. गेहूं खरीद में सबसे अधिक योगदान पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा राज्य का रहा है. पंजाब ने 121.27 LMT, मध्य प्रदेश ने 70.98 LMT और हरियाणा ने 63.17 LMT धान की खरीद की है.
देश में गेहूं और चावल का इतना भंडार
केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (FCI) अन्य राज्य एजेंसियों के साथ मूल्य समर्थन योजना (MSP) के तहत धान की खरीदारी करती है. खरीदे गए धान को मिल में ले जाकर चावल बनाया जाता है. उसके बाद इस चावल को विभिन्न खाद्य सुरक्षा योजनाओं के तहत जनता के बीच बांटा जाता है. वर्तमान समय में सरकार के पास गेहूं और चावल का स्टॉक 570 Lakh Metric Tonnes (LMT) है, जो कि देश के खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक माना जा रहा है.