नई दिल्ली : बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 388 परियोजनाओं की लागत जुलाई 2023 में तय अनुमान से 4.65 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ गई है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी और अन्य कारणों से इन परियोजनाओं की लागत बढ़ी है. सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक की लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी करता है.
मंत्रालय की जुलाई, 2023 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की 1,646 परियोजनाओं में से 388 की लागत बढ़ गई है, जबकि 809 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार, ‘इन 1,646 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मूल लागत 23,92,837.89 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब इसके बढ़कर 28,58,394.39 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है. इससे पता चलता है कि इन परियोजनाओं की लागत 19.46 प्रतिशत यानी 4,65,556.50 करोड़ रुपये बढ़ गई है.’
रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2023 तक इन परियोजनाओं पर 15,21,550.38 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो कुल अनुमानित लागत का 53.23 प्रतिशत है. हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि यदि परियोजनाओं के पूरा होने की हालिया समयसीमा के हिसाब से देखें तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या कम होकर 602 पर आ जाएगी.