नई दिल्ली : भारत में सोने का अधिक उत्पादन नहीं होता और देश में सोने की भारी मांग आयात के जरिए पूरी की जाती है. भारत ‘गोल्ड डोर बार’ के साथ-साथ परिष्कृत सोने का भी आयात करता है. देश में हर साल 800 टन सोने की खपत होती है. चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा सोने की खपत करने वाला देश है. बता दें, भारत में एक साल में केवल 1 टन ही सोना का उत्पादन होता है. बाकी सब अलग-अलग देशों से आयात किया जाता है.
दरअसल, आजादी से पहले और आज के समय को देखा जाए तो सोने की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई है. पहले के समय में जहां सोना 86 रुपये में 10 ग्राम मिलता था वहीं अब 59 हजार में 10 ग्राम मिलता है. ऐसे में देखा जाए तो 600 ज्यादा सोने की कीमत में बढ़ोतरी हुई है. सोने की इतनी ज्यादा कीमत होने की वजह से इसकी तस्करी भी बड़े पैमाने पर की जाती है. हर साल हजारों किलोग्राम सोने की तस्करी की जाती है. बता दें इस वर्ष 2023 में अप्रैल-सितंबर के दौरान तस्करी किए गए सोने की जब्ती करीब 43 प्रतिशत बढ़कर 2,000 किलोग्राम हो गई. इसमें से अधिकतर सोना म्यांमा, नेपाल और बांग्लादेश की सीमाओं के जरिए भारत में लाया गया है.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि पिछले साल अप्रैल-सितंबर में 1,400 किलोग्राम सोना जब्त किया गया था, जबकि पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में करीब 3,800 किलोग्राम सोना जब्त किया गया है. अग्रवाल ने पत्रकारों से कहा कि पिछले साल की तुलना में सोने की शुल्क संरचना में कोई बदलाव नहीं हुआ है. हालांकि तस्करी अंतरराष्ट्रीय तथा घरेलू बाजारों में सोने की मौजूदा कीमतों पर निर्भर हो सकती है. डीआरआई की 2021-22 रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सोने की तस्करी सोने के वैध आयात पर आयात शुल्क के साथ-साथ सोने की भारी मांग से बढ़ी है. सोने पर मूल सीमा शुल्क दर 12.5 प्रतिशत है. सोने के आयात पर लागू 2.5 प्रतिशत के कृषि ढांचागत विकास उपकर (एआईडीसी) और तीन प्रतिशत की आईजीएसटी दर के साथ कुल कर की दर 18.45 प्रतिशत होती है.