नई दिल्ली : सुरक्षित माने जाने वाले निवेश, विशेष रूप से सोने और चांदी में इस साल की शुरूआत से शानदार तेजी देखी गई है, जिसमें 10 फीसदी की वृद्धि हुई है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में ये बात कही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह साल सुरक्षित निवेश का साल है. मांग और आपूर्ति के कारकों ने ऐतिहासिक रूप से सोने की कीमतों पर सीधे तौर पर बड़ा प्रभाव नहीं डाला है, खास कर ऐसे हालात में जहां बाजार में अनिश्चितताएं मौजूद हैं.
इन वजहों से बढ़ी सोने- चांदी की कीमत
वैश्विक मंदी, भू-राजनीतिक अनिश्चितता के साथ-साथ ब्याज दरों में धीमी बढ़ोतरी की वजह से सोने की कीमतें बढ़ी हैं. पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में तेज वृद्धि देखी गई है, इसलिए इसमें अब थोड़ी नरमी आने की संभावना है. सोने की मांग बाजार को कभी निराश नहीं करती है, हालांकि बाजार में कुछ मंदी के कारण इस बार घरेलू मोर्चे पर चीजें थोड़ी अलग हैं, खास कर पिछले साल सोने के लिए सीमा शुल्क 15 फीसदी (उपकर सहित) और इस बार चांदी के लिए हालिया बदलाव के बीच.
पिछले दो साल में सोने- चांदी का आयात इतना रहा
भारत ने 2021 में 1,050 टन सोने का आयात किया, 2022 में उसने 705 टन सोने का आयात किया था. दूसरी ओर, चांदी के आयात ने 2022 में सब को चौंका दिया, जो कि 9,500 टन था. उच्च कीमतों के बीच, सोने की खरीददारी में बाजार में कुछ मजबूती है. घरेलू मोर्चे पर, गोल्ड ETF में प्रमुख फंड हाउसों के कुल एयूएम के साथ 17,000 करोड़ रुपये से ऊपर जाने के साथ अच्छा ट्रैक्शन देखा गया है.