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गिरावट के साथ बंद हुआ शेयर बाजार, थमी पांच दिन से जारी तेजी - मुनाफा वसूली

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज सेंसेक्स में तेजी का सिलसिला बृहस्पतिवार को टूट गया. यह गिरावट के साथ बंद हुआ. कारोबारियों के मुताबिक डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर रहने से भी निवेशकों पर दबाव रहा.

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Published : Dec 10, 2020, 8:23 PM IST

मुंबई :बीएसई सेंसेक्स में पांच दिन से जारी तेजी का सिलसिला बृहस्पतिवार को टूट गया, यह करीब 144 अंक गिरकर बंद हुआ. निफ्टी में भी गिरावट रही. कारोबारियों के बीच मुनाफा वसूली का दौर चलने से बैंक और सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयर में गिरावट रही.

कारोबारियों के मुताबिक अन्य एशियाई शेयर बाजारों के नरम रुख और डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर रहने से भी निवेशकों पर दबाव रहा.

बीएसई का 30 कंपनियों के शेयर का सूचकांक सेंसेक्स पांच दिन की तेजी के सिलसिले को तोड़ते हुए नरमी के रुख के साथ खुला और दिनभर कारोबार के दौरान निचले बना रहा. अंत में यह 143.62 अंक यानी 0.31 प्रतिशत गिरकर 45,959.88 अंक पर बंद हुआ.

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक निफ्टी में पिछले सात दिन की बढ़त थम गई. यह 50.80 अंक यानी 0.38 प्रतिशत घटकर 13,478.30 अंक पर बंद हुआ.

सेंसेक्स में शामिल अल्ट्राटेक सीमेंट सबसे अधिक नुकसान में रहा. यह शेयर 3.27 प्रतिशत टूटकर बंद हुआ. यह गिराव सीमेंट शेयरों के रुझान के अनुरूप ही है. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने सीमेंट कंपनियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा-रोधी व्यवहार को लेकर जांच शुरू की है.

इसके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, एनटीपीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में 2.50 प्रतिशत तक की गिरावट रही.

हालांकि रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली कंपनी (एफएमसीजी) नेस्ले इंडिया का शेयर 4.17 प्रतिशत, आईटीसी का 3.58 प्रतिशत और हिंदुस्तान यूनिलीवर का शेयर 2.61 प्रतिशत लाभ के साथ बंइ हुआ.

कोटक बैंक, लार्सन एंड टुब्रो और ओएनजीसी के शेयर में 1.13 प्रतिशत तक की बढ़त रही.

इसके अलावा हांगकांग, सोल और टोक्यो के शेयर बाजार भी नरमी के साथ बंद हुए. हालांकि शंघाई शेयर बाजार में बढ़त रही.

वहीं यूरोपीय बाजारों में निवेशकों का रुख सावधानी भरा रहा. वह लगातार ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच ब्रेक्जिट को लेकर जारी बातचीत पर निगाह बनाए हुए हैं. वहीं उन्हें यूरोपीय सेंट्रल बैंक के नीतिगत निर्णय का भी इंतजार है.

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जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेस में शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, 'पांच दिन तेजी के रुख बाद घरेलू बाजारों में अन्य एशियाई शेयर बाजारों की ही तरह गिरावट रही. कमजोर वैश्विक संकेतों ने भी इसमें अपना योगदान दिया. इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में मुनाफा वसूली चलने के साथ ही सरकारी बैंकों, बैंकों, छोटी और मझली कंपनियों के शेयर भी गिरावट का रुख लिए रहे.'

आनंद राठी फर्म में शेयर शोध (बुनियादी) के प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा, 'दोपहर के कारोबारी सत्र में बाजार निचले स्तर से वापस ऊपर आया. इसकी वजह एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के भारत की वृद्धि दर के अनुमान में सुधार करना रहा. एडीबी ने चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था में आठ प्रतिशत गिरावट का अनुमान जताया है जो उसके सितंबर के नौ प्रतिशत गिरावट के अनुमान से बेहतर है. साथ ही एडीबी ने अगले वित्त वर्ष में आठ प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान को बरकरार रखा है.'

इस बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रेंट कच्चा तेल भाव 0.76 प्रतिशत बढ़कर 49.23 डॉलर प्रति बैरल रहा.

दो दिन बढ़त का रुख दर्शाने के बाद बृहस्पतिवार को डॉलर के मुकाबले रुपया नौ पैसे टूटकर 73.66 पर बंद हुआ.

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