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तिमाही नतीजों, कोविड-19 से जुड़े घटनाक्रमों, फेडरल रिजर्व के रुख से तय होगी बाजार की दिशा

निवेशक अब भी कोरोना वायरस के कंपनियों के कारोबार पर पड़ने वाले असर को लेकर अनिश्चित हैं. आगे चलकर बाजार का रुख कंपनियों के तिमाही नतीजों, कच्चे तेल की कीमतों, डॉलर के मुकाबले रुपये के उतार-चढ़ाव, कोरोना वायरस से जुड़े घटनाक्रमों से तय होगा.

तिमाही नतीजों, कोविड-19 से जुड़े घटनाक्रमों, फेडरल रिजर्व के रुख से तय होगी बाजार की दिशा
तिमाही नतीजों, कोविड-19 से जुड़े घटनाक्रमों, फेडरल रिजर्व के रुख से तय होगी बाजार की दिशा

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Published : Apr 26, 2020, 12:53 PM IST

मुंबई: कंपनियों के तिमाही नतीजों, कोरोना वायरस से जुड़े घटनाक्रमों तथा अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर फैसले से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है.

शुक्रवार को महाराष्ट्र दिवस पर बाजार बंद रहेंगे. विश्लेषकों ने कहा कि फ्रैंकलिन टेंपलेटन म्यूचुअल फंड ने छह बांड योजनाएं बंद कर दी हैं. ऐसे मे खुदरा निवेशकों की निगाह बाजार पर इस घटनाक्रम के प्रभाव पर भी रहेगी.

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, "निवेशक अब भी कोरोना वायरस के कंपनियों के कारोबार पर पड़ने वाले असर को लेकर अनिश्चित हैं. आगे चलकर बाजार का रुख कंपनियों के तिमाही नतीजों, कच्चे तेल की कीमतों, डॉलर के मुकाबले रुपये के उतार-चढ़ाव, कोरोना वायरस से जुड़े घटनाक्रमों से तय होगा."

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खेमका ने कहा कि यदि सरकार की ओर से किसी तरह के राहत पैकेज की घोषणा होती है तो इससे कुछ अंतरिम राहत मिल सकती है.

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, "अमेरिकी केंद्रीय बैंक की दो दिन की बैठक 28 अप्रैल को शुरू हो रही है. ब्याज दरों पर निर्णय 29 अप्रैल को आएगा. भारतीय बाजार कोविड-19 की वजह से लागू बंद के चलते लगातार तीसरे सप्ताह साप्ताहिक लाभ दर्ज नहीं कर पाए. फ्रैंकलिन टेंमलेटन के ताजा मामले से अर्थव्यवस्था विशेषरूप से वित्तीय क्षेत्र पर दबाव बढ़ेगा."

फ्रैंकलिन टेपलेटन म्यूचुअल फंड ने बृहस्पतिवार को निकासी दबाव और बांड बाजार में नकदी की कमी की वजह से छह बांड योजनाएं बंद करने की घोषणा की. इन योजनाओं में प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां 25,000 करोड़ रुपये हैं. शुक्रवार को इस घटनाक्रम की वजह से बीएसई सेंसेक्स 536 अंक टूट गया.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि वायरस से जुड़े घटनाक्रमों से बाजार को राहत नहीं मिल पा रही है. निवेशकों की निगाह सरकार पर है. वे सरकार की ओर से किसी राहत पैकेज की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं.

नायर ने कहा कि इस सप्ताह विशेषरूप से कुछ कंपनियों से जुड़े शेयरों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. लॉकडाउन में किसी तरह की ढील से बाजार पर सकारात्मक असर पड़ेगा. इस सप्ताह इंडसइंड बैंक और एक्सिस बैंक के तिमाही नतीजे आएंगे. इसके अलावा एफएमसीजी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर भी अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेगी.

बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 261.50 अंक या 0.82 प्रतिशत के नुकसान में रहा. देश में कोरोना वायरस की वजह से अब तक 775 लोगों की जान जा चुकी है. इसके संक्रमित लोगों का आंकड़ा 25,000 के पास पहुंच रहा है. दुनियाभर में यह महामारी अब तक 1,90,000 लोगों की जान ले चुकी है. इससे संक्रमित लोगों की संख्या 28 लाख हो गई है.

सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से पांच कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1.63 लाख करोड़ रुपये बढ़ा

सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में से पांच का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) बीते सप्ताह 1,63,795.48 करोड़ रुपये बढ़ा. रिलायंस इंडस्ट्रीज को सबसे अधिक लाभ हुआ. रिलायंस के अलावा शुक्रवार को समाप्त सप्ताह में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस और कोटक महिंद्रा बैंक के बाजार पूंजीकरण में भी बढ़ोतरी हुई. वहीं हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, एचडीएफसी, भारती एयरटेल, आईटीसी और आईसीआईसीआई बैंक को बाजार मूल्यांकन में नुकसान उठाना पड़ा.

बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष दस कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज शीर्ष पर कायम रही. इसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इन्फोसिस, एचडीएफसी, भारती एयरटेल, कोटक महिंद्रा बैंक, आईटीसी और आईसीआईसीआई बैंक का स्थान रहा. बीते सप्ताह में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 261.50 अंक यानी 0.82 प्रतिशत टूट गया.

(पीटीआई-भाषा)

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