दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

बजट 2021-22 ने अगले दशक के लिए रास्ता तय किया : सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंगलोर चैंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि जब तक निजी क्षेत्र को पर्याप्त सुविधा नहीं दी जाएगी, तक तक भारत सिर्फ एक बहुत बड़ा अवसर खोता रहेगा. उन्होंने कहा कि बजट 2021-22 ने अगले दशक के लिए रास्ता तय किया है.

By

Published : Feb 21, 2021, 6:58 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

बेंगलुरु : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि केंद्रीय बजट 2021-22 में सरकार एक मददगार की भूमिका में है और निजी क्षेत्र वृद्धि का प्रमुख वाहक है, जिसके बिना देश एक बड़ा अवसर खो सकता है.

उन्होंने बैंगलोर चैंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि यहां सबसे महत्वपूर्ण बात निजी क्षेत्र की भागीदारी है. जब तक निजी क्षेत्र में पर्याप्त ऊर्जा नहीं होगी, जब तक निजी क्षेत्र को पर्याप्त सुविधा नहीं दी जाएगी, तक तक भारत सिर्फ एक बहुत बड़ा अवसर खोता रहेगा.

सीतारमण ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में देश की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं और जरूरतों को सिर्फ राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा मिलकर पूरा नहीं किया जा सकता.

कोरोना टीके का विकास सरकारी-निजी भागीदारी का बड़ा उदाहरण
वित्त मंत्री के मुताबिक, कोरोना वायरस वैक्सीन का विकास सरकारी-निजी भागीदारी का एक बड़ा उदाहरण है. उन्होंने कहा कि एक वैश्विक नेता के रूप में भारत अधिक मानवीय है, हर किसी को एक साथ लाने का इच्छुक है, शांतिपूर्ण है, जो वास्तव में सभी की भलाई के लिए दुनिया की तरक्की चाहता है.

उन्होंने कहा, 'अगर भारत को इस तरह अपनी जिम्मेदारी निभानी है, तो यह तब तक अधूरा रहेगा, जब तक कि सरकार अपनी भूमिका नहीं निभाती. सरकार की भूमिका मददगार की है और निजी क्षेत्र को प्रमुख वाहक की भूमिका निभानी होगी। इस बजट का यही संदेश है.'

सीतारमण ने कहा कि बजट ने अगले दशक के लिए रास्ता तय किया है. उन्होंने बताया कि प्रोत्साहन पैकेजों, जो मोटे तौर पर सरकारी उधार पर निर्भर थे, के तहत अवसंरचना जैसे ऐसे क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया, जिनका व्यापक असर था.

यह भी पढ़ें- सोनिया गांधी ने पेट्रोल के दाम में वृद्धि को लेकर पीएम मोदी को लिखा पत्र

उन्होंने कहा कि सरकार ने उधार लेकर राहत दी है और उसे राजकोषीय प्रबंधन के बारे में पता है.

सरकार टिकाऊ वृद्धि चाहती है
वित्त मंत्री ने कहा कि ऋण-जीडीपी अनुपात एक अन्य संकेतक है, जो स्वस्थ्य अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है और जिसका प्रबंधन सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए. साथ ही राजकोषीय घाटे को भी स्वस्थ स्तर पर रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार टिकाऊ वृद्धि चाहती है.

इस कार्यक्रम में विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी, इंफोसिस के पूर्व निदेशक टीवी मोहनदास पई, प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी और वोल्वो इंडिया के अध्यक्ष तथा चेयरमैन कमल बाली उपस्थित थे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details