नई दिल्ली: सऊदी अरब के तेल प्रतिष्ठानों पर हाल में हुये हमलों से कच्चे तेल बाजार में उथल-पुथल के बीच भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पांच जुलाई के आम बजट के दिन के बाद सबसे बड़ा उछाल दर्ज किया गया.
दिल्ली में पेट्रोल का दाम 14 पैसे बढ़ कर 72.17 रुपये प्रति लीटर और डीजल 15 पैसे तेज हो कर 65.58 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया. देश के सरकारी तेल कंपनियों ने यह जानकारी दी है.
वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया था जिसके बाद इनके दाम में करीब ढ़ाई रुपये प्रति लीटर की वृद्धि कर दी गई थी.
अंतरराट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में कारोबार के दौरान सोमवार को 20 प्रतिशत के भारी उछाल के बाद भारत में सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने मंगलवार को पेट्रोल डीजल के दाम में यह वृद्धि की है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 30 साल बाद कच्चे तेल के दाम में एक दिन में इतना बड़ा उछाल आया है. बाजार अंत में 15 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ था.
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मंगलवार को अंतराष्ट्रीय बाजार थोड़ा नीचे चल रहा था लेकिन हमलों के जवाब में सैनिक कार्रवाई की आशंकाओं के चलते बाजार में अनिश्चितता का वातावरण बना हुआ है. मंगलवार को ब्रेंट कच्चा तेल पिछले दिन के मुकाबले 36 सेंट यानी 0.50 प्रतिशत घट कर 68.66 डालर प्रति बैरल पर चल रहा था.
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि भारत स्थिति पर बराबर निगाह रखे हुए है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा पेट्रोलियम उपभोक्ता है.
उन्होंने राजधानी में संवाददाताओं से कहा, "जब कीमतें उछलती हैं तो चिंता अवश्य होती है. शनिवार की घटना के बाद की स्थिति हमारे लिए चिंता की बात है."
लेकिन प्रधान ने यह भी कहा कि सऊदी अरब से भारत की तेल की आपूर्ति प्रभावित नहीं हुई है. भारत के लिए वह इराक के बाद कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है.
उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियां और भारत सरकार सऊदी कंपनी अरामको और वहों के सरकारी अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं.
भारत अपनी तेल की आवश्यकताओं का 83 प्रतिशत आयात करता है. भारत ने 2018-19 में सऊदी अरब से 4.03 करोड़ टन कच्चा तेल खरीदा था जबकि इस दौरान भारत का कुल तेल आयात 20.73 करोड़ टन रहा था.