नई दिल्ली: सूक्ष्म ऋण उद्योग की वृद्धि दर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर 43.1 प्रतिशत रही. इस अवधि में कुल 1,66,284 करोड़ रुपये का ऋण बांटा गया.
सूक्ष्म वित्त कंपनियों की स्वनियमन संस्था माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क (एमएफआईएन) की एक रपट में यह बात सामने आयी है. एमएफआईएन को भारतीय रिजर्व बैंक से मान्यता प्राप्त है. रपट के अनुसार समीक्षावधि में सूक्ष्म ऋण लेने वाले खातों की संख्या सालाना आधार पर 24.3 प्रतिशत बढ़कर 8.91 करोड़ रही है.
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सूक्ष्म ऋण उद्योग ने तीसरी तिमाही में की 43 प्रतिशत दर से वृद्धि - गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी
सूक्ष्म वित्त कंपनियों की स्वनियमन संस्था माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क (एमएफआईएन) की एक रपट में यह बात सामने आयी है. एमएफआईएन को भारतीय रिजर्व बैंक से मान्यता प्राप्त है.
कुल बांटे गए ऋण में सबसे अधिक हिस्सेदारी 36.5 प्रतिशत गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी-सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एनबीएफसी-एमएफआई) की रही. इन्होंने कुल 60,631 करोड़ रुपये का ऋण बांटा. रपट के अनुसार बांटे गए कुल ऋण में से 81 प्रतिशत राशि का अंतरण नकदी रहित तरीके से किया गया.
एमएफआईएन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हर्ष श्रीवास्तव ने कहा, ''कुछ एनबीएफसी-एमएफआई ने तो 100 प्रतिशत ऋण वितरण नकदी रहित तरीके से किया.'' एमएफआईएन की सदस्य 50 एनबीएफसी-एमएफआई कंपनियां हैं.
(भाषा)