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केंद्र ने निधि कंपनियों में निवेश को लेकर निवेशकों को किया आगाह

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Published : Aug 24, 2021, 9:13 PM IST

केंद्र ने निवेशकों को आगाह किया है कि निधि कंपनियों में निवेश करने से पहले उनकी जानकारी जुटाएं, क्यों कई कंपनियां मानदंड में विफल रही हैं. निधि कंपनियां वे गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं हैं जो अपने सदस्यों को ऋण देतीं और ऋण लेती हैं.

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक बार फिर निवेशकों से अपना पैसा लगाने से पहले निधि कंपनियों के पिछले कामकाज की जांच करने का आग्रह किया, क्योंकि कम से कम 348 संस्थाएं निधि कंपनियों के रूप में घोषित किए जाने से जुड़े मानदंडों को पूरा करने में विफल रही हैं.

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने छह महीने में दूसरी बार परामर्श जारी किया है क्योंकि ऐसी बहुत सारी कंपनियां हैं जो निधि कंपनियों के रूप में काम कर रही हैं, लेकिन उन्होंने इससे जुड़े नियमों के तहत ऐसा दर्जा हासिल करने के लिए आवेदन नहीं दिया है.

मंत्रालय ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि 348 कंपनियां कंपनी अधिनियम, 2013 और निधि नियम 2014 के तहत निधि कंपनियों के रूप में घोषणा के लिए आवश्यक मानदंडों को पूरा करने में विफल रहीं.

निधि कंपनियां वे गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं हैं जो अपने सदस्यों को ऋण देतीं और ऋण लेती हैं.

कंपनी अधिनियम, 2013 (सीए, 2013) और निधि नियम, 2014 (संशोधित) की धारा 406 के तहत कई कंपनियों को निगमित करके किसी निधि कंपनी के रूप में घोषित करने के लिए आवेदन प्रपत्र एनडीएच-4 माध्यम से केंद्र सरकार के समक्ष आवेदन करने की आवश्यकता होती है.

कॉर्पोरेट मंत्रालय ने एक बयान में कहा, यह देखा गया है कि कंपनियां, कंपनी अधिनियम (सीए) 2013 के तहत निधि के रूप में घोषणा के लिए केंद्र सरकार को आवेदन भेज रही हैं, लेकिन 24 अगस्त 2021 तक जांचे गए 348 आवेदन पत्रों में से एक भी कंपनी केंद्र सरकार द्वारा निधि कंपनी के इस प्रारूप में घोषित किए गए निर्धारित आवश्यक मानदंडों को पूरा नहीं कर पाई हैं.

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कॉर्पोरेट मंत्रालय के मुताबिक, बड़ी संख्या में ऐसी कंपनियां भी हैं जो निधि कंपनी के रूप में कार्य कर रही हैं, लेकिन उन्‍होंने अभी तक केंद्र सरकार के पास स्वयं को निधि कंपनी घोषित करने के लिए आवेदन नहीं किया है और यह कंपनी अधिनियम (सीए) 2013 और निधि नियम, 2014 का उल्लंघन है.

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