नई दिल्ली :इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) की प्रभावशीलता का परीक्षण NPA में संभावित स्पाइक द्वारा मार्च 2021 में समाप्त एक वर्ष के लिए नए इन्सॉल्वेंसी मामलों की शुरुआत पर ठहराव के रूप में किया जाएगा और अधिकांश महामारी-प्रेरित नीतियों या उपायों की संभावना नहीं है.
अध्ययन में कहा गया है कि इस वित्तीय वर्ष में बैंकों और गैर-बैंकों दोनों के जीएनपीए में अपेक्षित वृद्धि महामारी के कारण विभिन्न मार्गों के माध्यम से समाधान के लिए संपत्ति बाजार के खिलाड़ियों के लिए एक अवसर प्रदान करेगी. इसमें कहा गया है कि बैंकों के जीएनपीए मार्च 2018 में देखे गए शिखर से कम हो गए हैं और मार्च 2021 की तुलना में मार्च 2020 तक कम थे. जिसमें छह- मासिक ऋण अधिस्थगन, आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) ऋण और पुनर्गठन उपाय शामिल थे.
वहीं रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंकों की दबाव वाली संपत्तियों की स्थिति अब प्रबंधन के दायरे में दिख रही है. उन्होंने कहा कि महामारी की दूसरी लहर के बावजूद सकल गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की स्थिति स्थिर रही है. दास ने एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बैंकिंग प्रणाली का सकल एनपीए (जीएनपीए) 7.5 प्रतिशत पर है. वहीं गैर-बैंक ऋणदाताओं के मामले में यह और कम है.