दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

भारतीयों के लिए सोना धन, सुरक्षा का सबसे बड़ा प्रतीक - Jewelery Vendor

देश में निवेश बाजार करीब दशकों पहले उभरा और निवेश के दर्जनों साधन बाजार में आए, लेकिन सोना लोगों की पसंद बना रहा. पीली धातु के प्रति आकर्षण भारत में सदियों से रहा है और मांग की प्रवृत्ति को देखने पर लगता है कि यह आकर्षण बढ़ता ही जा रहा है.

भारतीयों के लिए सोना धन, सुरक्षा का सबसे बड़ा प्रतीक

By

Published : May 12, 2019, 6:01 AM IST

नई दिल्ली:भारत तीज-त्योहार ही नहीं ठाट-बाट के शादी समारोहों के लिए भी जाना जाता है. वर्ष 2019 में हिंदू पंचांग के अनुसार, शादी के 21 लग्न थे, जोकि पिछले साल के मुकाबले तीन गुना अधिक हैं. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की माने तो शादी का सीजन दुनिया में पीली धातु की मांग में वृद्धि का एक महत्वपूर्ण कारक रहा है.

पीली धातु के प्रति आकर्षण भारत में सदियों से रहा है और मांग की प्रवृत्ति को देखने पर लगता है कि यह आकर्षण बढ़ता ही जा रहा है.

इसलिए यह हैरानी की बात नहीं है कि महानगरों के अधिकांश आभूषण विक्रेता बताते हैं कि इस बार अक्षय तृतीया के शुभ-अवसर पर सात मई को सोने की खरीदारी जोरदार रही और बिक्री में 25 फीसदी का इजाफा हुआ.

ये भी पढ़ें-नेताओं और उद्योगपतियों ने देवेश्वर के निधन पर शोक जताया

देश में निवेश बाजार करीब दशकों पहले उभरा और निवेश के दर्जनों साधन बाजार में आए, लेकिन सोना लोगों की पसंद बना रहा.

ग्रांट थॉरटन एडवाजरी के निदेशक रियाज थिंगना ने कहा, "सोना धन का पारंपरिक सूचक रहा है. इसका एक सांस्कृतिक पहलू तो है ही. इसके अलावा यह निवेश का भी साधन है, जिसमें स्थायी रिटर्न मिलता है."

उन्होंने कहा, "अगर आप इसकी तुलना मियादी जमा, ऋणपत्र जैसे निवेश के दूसरे साधनों से करें तो सोना निवेश का सुरक्षित साधन है. क्योंकि इसकी घरेलू मांग बनी रहती है. हालांकि इसकी तुलना रियल स्टेट से नहीं होती है."

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने जनवरी-मार्च 2019 की अपनी रिपोर्ट में कहा कि शादी के सीजन की खरीदारी और सोने का भाव कम होने की वजह से पिछले साल की तुलना में इस साल की पहली तिमाही में सोने की मांग पांच फीसदी बढ़कर 125.4 टन हो गई.

अधिकांश भारतीयों के लिए सोना सामाजिक सुरक्षा का एक अंग माना जाता है. शादी के अवसर पर सोने का उपहार देने की परंपरा है और इस सीजन में कीमती धातुओं की मांग का योगदान करीब 50 फीसदी है.

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के इंस्टीट्यूशनल रिसर्च मामलों के प्रमुख दीपेन सेठ ने कहा, "परंपरागत रूप से सोना निवेश का पसंदीदा साधन है, लेकिन इसमें अब बदलाव देखा जा रहा है. क्रमागत सोने में निवेश काफी बढ़ा है लेकिन वृद्धि को आधार बनाकर देखें तो इसमें बढ़ोतरी विवाद का मसला है."

उन्होंने कहा, "पिछले दिनों सोने में रिटर्न कम रहा है, इसलिए मुझे नहीं लगता है कि आधुनिक भारत के लोग सोने में ज्यादा निवेश कर रहे हैं. पिछले 15-20 साल में बहुत बदलाव हो चुका है. आंकड़ों से भी इस बात की पुष्टि होती है."

इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने कहा कि भारत में सोने में निवेश तकरीबन 10-15 फीसदी होता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details