नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) का शुभारंभ किया. इस मौके पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि हम राष्ट्रीय मुद्राकरण पाइपलाइन को सफलता प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को लगता है कि बेहतर संचालन और रखरखाव के लिए निजी क्षेत्र को लाना बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए हम योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं.
उन्होंने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (Airports Authority of India) के 25 हवाईअड्डे, जिनमें चेन्नई, भोपाल, वाराणसी और वडोदरा में हवाईअड्डे शामिल हैं, साथ ही 40 रेलवे स्टेशन, 15 रेलवे स्टेडियम और अज्ञात संख्या में रेलवे कॉलोनियों की निजी निवेश लिए पहचान की गई है.
योजना के तहत, निजी कंपनियां इनविट रूट (InvIT route) का उपयोग करके एक निश्चित रिटर्न के लिए परियोजनाओं में निवेश कर सकती हैं और साथ ही सरकारी एजेंसी को वापस स्थानांतरित करने से पहले एक निश्चित अवधि के लिए परिसंपत्तियों का संचालन और विकास कर सकती हैं. गोदामों और स्टेडियमों जैसी कुछ संपत्तियां भी संचालन के लिए लंबी अवधि के पट्टे पर दी जा सकती हैं.
सीतारमण ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संपत्ति मोनेटाइजिंग पाइपलाइन (monetisation pipeline) नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (National Infrastructure Pipeline) को अगले चरण में ले जाती है, जहां आप सार्वजनिक-निजी भागीदारी को देख रहे हैं.
उन्होंने कहा कि NMP ब्राउनफील्ड इन्फ्रा एसेट (brownfield infra assets ) के बारे में बात करती है, जहां निवेश पहले ही किया जा चुका है, जहां एक पूर्ण संपत्ति है जो या तो समाप्त हो रही है या जो पूरी तरह से मोनिटाइज नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि इसलिए इसमें निजी भागीदारी लाकर, आप इसे बेहतर तरीके से मोनेटाइज करने में सक्षम होने जा रहे हैं, और मोनेटाइजेशन के माध्यम से आपको जो भी संसाधन मिलते हैं, आप बुनियादी ढांचे में और निवेश ज्यादा करने में सक्षम होंगे.
वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2025 की चार साल की अवधि में केंद्र सरकार की मुख्य संपत्ति के लिए एनएमपी का कुल सांकेतिक मूल्य 6 लाख करोड़ रुपये आंका गया है. अनुमानित मूल्य एनआईपी के तहत परिकल्पित कुल बुनियादी ढांचा निवेश का लगभग 5.4 प्रतिशत है, जो 111 लाख करोड़ रुपये और केंद्र के लिए प्रस्तावित परिव्यय का 14 प्रतिशत (43 लाख करोड़ रुपये) है.