दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

ethanol blended petrol gst cut : सरकार ने जीएसटी 13 फीसदी घटाई

इथेनॉल मिले हुए पेट्रोल की कीमतों में कटौती हो सकती है. सरकार ने ईबीपी योजना के तहत जीएसटी में कटौती (ethanol blended petrol gst cut) की है. केंद्र सरकार ने पेट्रोल में मिलाने के काम आने वाले इथेनॉल पर जीएसटी 13 फीसदी घटाई है.

concept photo
कॉन्सेप्ट फोटो

By

Published : Dec 16, 2021, 5:26 PM IST

Updated : Dec 16, 2021, 8:49 PM IST

नई दिल्ली : इथेनॉल ब्लेंडेडे पेट्रोल की स्कीम पर जीएसटी में कटौती (ethanol blended petrol gst cut) की गई है. केंद्र सरकार ने कहा है कि पेट्रोल में मिलाने के काम आने वाले इथेनॉल पर जीएसटी में 13 फीसदी की कटौती की जा रही है.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल प्रोग्राम (Ethanol Blended Petrol programme) के तहत प्रयोग किए जाने वाले इथेनॉल पर अब 5 फीसद जीएसटी (5 pc gst on ethanol) लगेगा. जीएसटी की दरें घटाने के बाद ईंधन की कीमतों में कटौती की संभावना है.

ethanol blended petrol gst cut : सरकार ने जीएसटी 13 फीसदी घटाई

बता दें कि भारत में इथेनॉल ब्लेंडिंग (मिश्रण) 2020-25 का रोडमैप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 5 जून को जारी किया गया था. इसके साथ अप्रैल, 2023 तक ई-20 ईंधन उपलब्ध कराने के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई थी. इसी क्रम में प्रधानमंत्री द्वारा पुणे के 3 स्थानों से 'ई 100 वितरण' की पायलट परियोजना (Pilot project of E 100) भी शुरू की गई.

इस संबंध में सरकार ने बताया था कि मांग और आपूर्ति जैसे मुद्दों के समाधान के लिए उठाए गए विभिन्न उपायों के परिणामस्वरूप संभावना है कि देश में इथेनॉल डिस्टिलेशन क्षमता 2025 तक दोगुनी से अधिक हो जाएगी और हम 20 प्रतिशत ब्लेंडिंग का लक्ष्य प्राप्त करने में सक्षम होंगे. सरकार का मानना है कि ईबीपी (Ethanol Blended Petrol) से देश की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, और एक ईंधन के रूप में इथेनॉल को बढ़ावा मिलेगा.

सरकार का कहना है कि इथेनॉल स्वदेशी, गैर-प्रदूषणकारी और असीम ऊर्जा वाला, पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करने वाला साबित होगा. ऐसा इसलिए, क्योंकि ई20 ईंधन के उपयोग से कार्बन मोनोऑक्साइड का 30-50 प्रतिशत और हाइड्रोकार्बन का 20 प्रतिशत तक उत्सर्जन कम हो जाता है.

ब्लेंडिंग लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, सरकार चीनी मिलों और डिस्टिलरी को उनकी डिस्टिलेसन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. ऐसा करने के लिए सरकार उन्हें बैंकों से ऋण लेने की सुविधा प्रदान कर रही है, जिसके लिए सरकार द्वारा 6 प्रतिशत तक की ब्याज छूट दी जा रही है. इतना ही नहीं इस ब्याज छूट की राशि को सरकार खुद वहन कर रही है.

साथ ही ईंधन ग्रेड इथेनॉल का उत्पादन और तेल विपणन कंपनियों को इसकी आपूर्ति 2013-14 से 2018-19 तक 5 गुना बढ़ गई है. सरकार के मुताबिक ईएसवाई (ethanol supply year) 2018-19 में, भारत ने ऐतिहासिक रूप से लगभग 189 करोड़ लीटर का उच्च आंकड़ा छुआ. इसमें ब्लेंडिंग की मात्रा 5 प्रतिशत है.

सरकार को उम्मीद है कि इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ethanol supply year-ईएसवाई) 2020-21 में, ब्लेंडिंग स्तर 8 से 8.5 प्रतिशत प्राप्त किया जा सकेगा. एक संभावना के मुताबिक भारत में 2022 तक 10 प्रतिशत ब्लेंडिंग लक्ष्य प्राप्त किया जा सकेगा.

पेट्रोलियम क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत

सरकार ने कहा कि क्षमता में बढ़ोतरी/नई डिस्टिलरीज में लगभग 41,000 करोड़ रुपये के निवेश से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. सरकार का मानना है कि इथेनॉल ब्लेंडेडे पेट्रोल से कच्चे तेल के आयात बिल में 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत होगी और आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी. इस पहल से पेट्रोलियम क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा.

ये भी पढ़ें -फ्लेक्स फ्यूल इंजन और इथेनॉल मतलब आम के आम और गुठलियों के दाम, समझिये कैसे ?

गन्ना किसानों को मिलेगा लाभ

सरकार ने चीनी मौसम 2021-22 में लगभग 35 लाख मीट्रिक टन चीनी और 2025 तक लगभग 60 लाख मीट्रिक टन चीनी को इथेनॉल में बदलने का लक्ष्य रखा है. सरकार का मानना है कि इस कदम से लगभग 5 करोड़ गन्ना किसान और उनके परिवार एवं चीनी मिलों और अन्य सहायक गतिविधियों से जुड़े 5 लाख श्रमिक लाभान्वित होंगे.

Last Updated : Dec 16, 2021, 8:49 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details