मुंबई: उपभोक्ता बाजार के अगले दशक तक 12 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ने की उम्मीद है और यह 335 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े तक पहुंच जाएगा.
बीसीजी की ओर से मंगलवार को जारी एक रपट में कहा गया है कि 2008 में उपभोक्ता बाजार 31 लाख करोड़ रुपये का था जो पिछले एक दशक में 13 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2018 में बढ़कर 110 लाख करोड़ रुपये का हो गया. रपट में कहा गया है कि जनसंख्या वृद्धि, संपन्नता बढ़ने, शहरीकरण के जारी रहने, पारिवारिक संरचना में बदलाव के कारण यह बढ़ोत्तरी दर्ज की जाएगी.
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उपभोक्ता बाजार 2028 तक 335 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान: रपट - शहरीकरण
बीसीजी की ओर से मंगलवार को जारी एक रपट में कहा गया है कि 2008 में उपभोक्ता बाजार 31 लाख करोड़ रुपये का था जो पिछले एक दशक में 13 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2018 में बढ़कर 110 लाख करोड़ रुपये का हो गया.
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इसमें कहा गया है बढ़ते शहरीकरण के चलते ऐसे परिवारों की पिछले एक दशक में सालाना10 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है और उपभोक्ता बाजार में उनकी हिस्सेदारी 2008 के 6 प्रतिशत से बढ़कर 2018 में 12 प्रतिशत तक पहुंच गई. संपन्न और धनी परिवारों में उपभोग सालाना 20 प्रतिशत की दर से बढ़ा है. कुल खपत में उनका एक तिहाई हिस्सा रहा है.
(भाषा)