नई दिल्ली: शीर्ष निवेशक और अविष्कार ग्रुप के अध्यक्ष विनीत राय ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना का वास्तविक प्रभाव सर्दियों में अपने चरम पर होगा. उन्होंने कहा कि अब इससे भी बुरा समय आने वाला है क्योंकि सड़कों पर यातायात सामान्य हो गया लेकिन आपूर्ति श्रृंखला अभी भी बाधित है. वहीं, लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था बेपटरी हो गई है.
विनीत राय का कहना है कि देश में कोरोना मामलों की संख्या में खतरनाक वृद्धि हुई है और यह अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा खतरा है.
इस साल मार्च में भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों और उधार देने वाली संस्थाओं को ऋण चुकौती पर 3 महीने की मोहलत देने की अनुमति दी थी ताकि व्यवसायों और वेतनभोगी वर्ग पर वित्तीय बोझ कम हो सके क्योंकि देश पूरी तरह से बंद था. अधिस्थगन को 3 महीने के लिए बढ़ाकर 31 अगस्त तक कर दिया गया था.
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ऋण स्थगन ने वेतनभोगी वर्ग और व्यवसाय को लॉकडाउन के दौरान अपनी ईएमआई का भुगतान नहीं करने की अनुमति दी थी अगर उन्हें वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इसी अवधि के दौरान राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ था.
विनीत ने कहा, "वास्तविकता यह है कि आपूर्ति श्रृंखलाओं को बड़े पैमाने पर बाधित किया जा रहा है. मेरे विचार में, सरकार ने लॉकडाउन के दौरान अर्थव्यवस्था और आपूर्ति श्रृंखलाओं को नहीं समझने में कुछ बुनियादी त्रुटियां कीं. लॉकडाउन के दौरान, आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो गई और इसने अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया."