वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और तुर्की को दिये गए तरजीही व्यापार वाले देश के दर्जे को समाप्त करने का इरादा जताया है. उन्होंने इसके लिए दलील दी है कि भारत, अमेरिका को अपने बाजारों तक 'बराबर एवं उचित पहुंच' प्रदान करने को लेकर आश्वस्त करने में विफल रहा है.
अमेरिका के इस कदम को द्विपक्षीय रिश्तों के लिहाज से बड़ा झटका माना जा रहा है. अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने का संकल्प जताने वाले ट्रंप कई बार भारत के 'उच्च आयात शुल्कों' का जिक्र कर चुके हैं. मेरीलैंड में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ट्रंप ने भारत को ऊंची दर से शुल्क लगाने वाला देश बताते हुए शनिवार को आगाह किया था कि वह अमेरिका में आने वाले सामानों पर परस्पर बराबर का शुल्क लगा सकते हैं.
अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की स्पीकर नैन्सी पैलोसी को लिखे एक पत्र में ट्रम्प ने कहा कि भारत ने अमेरिका को ‘‘आश्वस्त नहीं किया" कि वह उसे भारत के बाजारों में "बराबर एवं उचित पहुंच प्रदान करेगा.'' ट्रंप ने सोमवार को लिखे गए अपने पत्र में कहा था, ''मैं यह कदम उठा रहा हूं क्योंकि अमेरिका और भारत सरकार के बीच काफी बातचीत के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि भारत ने अमेरिका को आश्वस्त नहीं किया है कि वह अपने देश के बाजारों तक उसे बराबर एवं उचित पहुंच प्रदान करेगा.''
अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा, ''मैं इस बात का आकलन जारी रखूंगा कि भारत सरकार ने जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रिफ्रेंसेज (जीएसपी) की पात्रता शर्तों के मुताबिक अपने बाजारों में समान और उचित पहुंच प्रदान की है या नहीं.'' इस पत्र की एक प्रति को प्रेस के लिए जारी किया गया था. अमेरिका के जीएसपी कार्यक्रम के तहत कोई विकासशील देश अगर अमेरिकी कांग्रेस द्वारा तय अर्हता शर्तों को पूरा करता है तो वह कुछ श्रेणी के सामानों का अमेरिका को बिना किसी शुल्क के निर्यात कर सकता है.
ट्रंप ने एक अन्य पत्र में कांग्रेस को जानकारी दी है कि उनका तुर्की को दिये गए जीएसपी के दर्जे को खत्म करने का भी इरादा है.
(भाषा)
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