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बैंकों के विलय और रिजर्व बैंक के अधिशेष को सरकार को देने से अर्थव्यवस्था सुस्त होगी: येचुरी

माकपा नेता ने कहा कि इस समय रोजगार सृजन के लिए बड़े स्तर पर सार्वजनिक निवेश की जरूरत है. इससे लोगों के हाथ में खरीद क्षमता आएगी और घरेलू मांग बढ़ेगी. येचुरी ने दावा किया कि सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के फैसले से कॉरपोरेट जगत को आसानी से कर्ज सुलभ हो सकेगा.

बैंकों के विलय और रिजर्व बैंक के अधिशेष को सरकार को देने से अर्थव्यवस्था सुस्त होगी: येचुरी

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Published : Sep 3, 2019, 11:39 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 9:01 AM IST

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक का अधिशेष सरकार को स्थानांतरित करने और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एकीकरण से भारतीय अर्थव्यवस्था और सुस्त हो जाएगी. माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को यह कहा.

वित्तीय जवाबदेही नेटवर्क द्वारा आयोजित बहस में भाग लेते हुए येचुरी ने कहा कि सरकार को आर्थिक संकट का मुकाबला करने के लिए रोजगार सृजन को बड़े पैमाने पर सार्वजनिक निवेश करना चाहिए.

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येचुरी ने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था को देखें. यह सुस्ती नहीं है. मेरा विचार है कि हम मंदी के मुहाने पर हैं."

माकपा नेता ने कहा कि इस समय रोजगार सृजन के लिए बड़े स्तर पर सार्वजनिक निवेश की जरूरत है. इससे लोगों के हाथ में खरीद क्षमता आएगी और घरेलू मांग बढ़ेगी.

उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के अधिशेष को सरकार को स्थानांतरित करने से देश का केंद्रीय बैंक ‘अस्थिर’ होगा और इससे घरेलू अर्थव्यवस्था वैश्विक मंदी से अधिक प्रभावित होगी.

येचुरी ने दावा किया कि सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के फैसले से कॉरपोरेट जगत को आसानी से कर्ज सुलभ हो सकेगा. इससे कर्ज चूक बढ़ेगी और अंतत: डूबे कर्ज में इजाफा होगा.

Last Updated : Sep 29, 2019, 9:01 AM IST

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