नई दिल्ली : केंद्र सरकार का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर आने पर भी देश की आर्थिक वृद्धि प्रभावित नहीं होगी, क्योंकि देश में हर दिन भारी संख्या में लोगों को कोरोना की वैक्सीन लग रही है. इस महामारी की वजह से दो साल से भी कम समय में अब तक 4,40,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
आर्थिक मामलों के विभाग ने इस साल अगस्त के लिए अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा कि देश में तेजी से टीकाकरण हो रहा है, जो यह आत्मविश्वास प्रदान कर रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में भी अर्थव्यवस्था में रिकवरी जारी रखी जा सकती है.
देश में कोरोना टीकाकरण
देश में गुरुवार तक कोविड-19 रोधी टीके की 72 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी.
मंत्रालय ने कहा कि गुरुवार को शाम सात बजे तक टीके की 73,80,510 खुराक दी गई. देर रात जारी होने वाली अंतिम रिपोर्ट में दैनिक टीकाकरण की संख्या बढ़ने की उम्मीद है. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, शाम सात बजे तक की रिपोर्ट के मुताबिक 54,58,47,706 लाभार्थियों को पहली खुराक और 16,94,06,447 लाभार्थियों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है.
टीकाकरण अभियान की शुरुआत से लेकर अब तक 18 से 44 आयु वर्ग के 28,57,04,140 लोगों को पहली खुराक और 3,85,99,523 लोगों को दूसरी खुराक दी गई है.
कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा सितंबर-अक्टूबर में शुरू होने वाले त्योहारी सीजन में कोरोना नियमों का पालन नहीं करता है. तो अगले कुछ महीनों में कोरोना की तीसरी लहर देश में आ सकती है, क्योंकि लोग त्योहारों और शादियों के कारण रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने जाते हैं, जिससे वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है.
दूसरी लहर ने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित नहीं किया
रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के 20.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने से ‘भीषण दूसरी लहर के बावजूद भारत की लचीली वी-आकार की भरपाई का पता चलता है. पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था में 24.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
बता दें कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 20.1 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई है. हालांकि, पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही का तुलनात्मक आधार नीचे होने की वजह से इस साल ऊंची वृद्धि हासिल होने में मदद मिली है.
सरकार ने पिछले साल कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये देशव्यापी 'लॉकडाउन' लगाया था. इस साल अप्रैल के मध्य में कोविड महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर की रोकथाम के लिये राज्यों के स्तर पर पाबंदियां लगायी गई थीं. हालांकि, इतनी वृद्धि के बाद भी अर्थव्यवस्था कोविड से पहले की स्थिति में नहीं पहुंच पाई है.