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बजट के बाद शेयर बाजारों में जोरदार उछाल, सेंसेक्स 848 अंक चढ़ा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) द्वारा आम बजट के साथ ही शेयर बाजार में तेजी का रुख रखा. यही वजह है कि धातु और पूंजीगत सामान कंपनियों के शेयरों में भारी लिवाली के साथ बीएसई सेंसेक्स 848 अंक बढ़ने के साथ बंद हुआ.

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बजट से पहले तेजी के साथ खुले शेयर बाजार, सेंसेक्स-निफ्टी में बढ़त

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Published : Feb 1, 2022, 9:54 AM IST

Updated : Feb 1, 2022, 7:16 PM IST

मुंबई : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) द्वारा आम बजट में बुनियादी ढांचे की मजबूती पर जोर देने और नए करों से परहेज के बीच मंगलवार को शेयर बाजारों में तेजी आई. धातु और पूंजीगत सामान कंपनियों के शेयरों में भारी लिवाली से बीएसई सेंसेक्स 848 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ. कारोबारियों ने कहा कि इसके अलावा मजबूत वैश्विक संकेतों ने भी घरेलू शेयर बाजारों को मजबूती दी.

दिन के कारोबार में 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक 59,032.20 की ऊंचाई को छूने के बाद 848.40 अंक या 1.46 प्रतिशत बढ़कर 58,862.57 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 237 अंक या 1.37 प्रतिशत बढ़कर 17,576.85 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स में सबसे अधिक 7.57 प्रतिशत की बढ़त टाटा स्टील में हुई. इसके अलावा सन फार्मा, इंडसइंड बैंक, एलएंडटी, अल्ट्राटेक सीमेंट, आईटीसी और एचसीएल टेक भी बढ़त दर्ज करने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे. दूसरी ओर महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावरग्रिड, एसबीआई, भारती एयरटेल, एनटीपीसी, मारुति और रिलायंस के शेयर गिरकर बंद हुए.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए खजाना खोलते हुए 39.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों को गति देने के उद्देश्य से राजमार्गों से लेकर सस्ते मकानों के लिए आवंटन बढ़ाया गया है. वित्त मंत्री ने रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने का प्रस्ताव किया है, लेकिन आयकर स्लैब या कर दरों में बदलाव का प्रस्ताव नहीं किया है.

लोकसभा में पेश 2022-23 के बजट में वित्त मंत्री ने पूंजी व्यय 35 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया. साथ ही सीमा शुल्क दरों को युक्तिसंगत बनाने तथा नई विनिर्माण कंपनियों के लिये रियायती दर की समयसीमा बढ़ाने के साथ डिजिटल मुद्रा शुरू करने तथा क्रिप्टो संपत्तियों पर कर लगाने के भी प्रस्ताव किए हैं. पिछले साल की तरह इस बार भी बजट में बुनियादी ढांचा खर्च पर अच्छा-खासा जोर है। इसमें 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी से लेकर 25,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का विकास, नदियों को जोड़ने की योजना तथा नई पीढ़ी की 400 वंदे भारत ट्रेनों का विनिर्माण शामिल है.

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वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में तेज वृद्धि के लिए आधार रखने का संकल्प जताते हुए कहा, 'अर्थव्यवस्था का तेजी से सुदृढ़ होना और पुनरुद्धार हमारे देश की मजबूती को बताता है.' उन्होंने कहा, 'बजट में राजकोषीय मजबूती की जगह आर्थिक वृद्धि को प्राथमिकता दी गयी है. बजट वृद्धि के लिए निरंतर गति प्रदान करता रहेगा.' बजट में राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है जबकि पूर्व में इसके 6.8 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी। लेकिन अगले वित्त वर्ष 2022-23 में इसके कम होकर 6.4 प्रतिशत तथा 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत पर आने का अनुमान रखा गया है.

आर्थिक वृद्धि दर के बारे में इसमें कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत तथा अगले वित्त वर्ष 2022-23 में 8 से 8.5 प्रतिशत रहेगी.वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 6.6 प्रतिशत की गिरावट आयी थी. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बजट दीर्घकालिक वृद्धि पर केंन्द्रित है, जिसका बाजार ने स्वागत किया है. इसमें लोकलुभावन उपायों के लिए कोई जगह नहीं है.

बीएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आशीष कुमार चौहान ने कहा, '2022-23 का बजट बेहद संतुलित है और पिछले बजट के वृद्धि उन्मुख नजरिये को आगे बढ़ाता है.' एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक और सीईओ धीरज रेली ने कहा कि बजट वृद्धि को बढ़ावा देने वाला है और पूंजीगत व्यय में तेजी से बढ़ोतरी करता है. उन्होंने कहा कि विनिर्माण को बढ़ावा देने के साथ ही स्टार्टअप, आधुनिक गतिशीलता और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों पर जोर देने से पता चलता है कि वित्त मंत्री ने दीर्घकालिक वृद्धि को प्राथमिकता दी है.

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एशियाई बाजारों में हांगकांग और जापान के बाजार बढ़त के साथ बंद हुए. चीन और दक्षिण कोरिया के बाजार छुट्टी के कारण बंद रहे. यूरोप के शेयर बाजार मध्य सत्र के सौदों में मजबूती के साथ कारोबार कर रहे थे. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 0.24 फीसदी गिरकर 89.05 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को सकल आधार पर 3,624.48 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Feb 1, 2022, 7:16 PM IST

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