दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

तीसरा प्रोत्साहन पैकेज आर्थिक वृद्धि के लिए सहायक, पर राजकोषीय पर असर अस्पष्ट: फिच

सरकार ने 12 नवंबर को 2.65 लाख करोड़ रुपये के एक और आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की. इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 नाम दिया गया है. इस पैकेज में संगठित क्षेत्र में रोजगार निर्माण को गति देना, उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई), उर्वरक सब्सिडी और ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम मनरेगा में बढ़ोत्तरी करना शामिल है.

By

Published : Nov 16, 2020, 7:47 PM IST

तीसरा प्रोत्साहन पैकेज आर्थिक वृद्धि के लिए सहायक, पर राजकोषीय पर असर अस्पष्ट: फिच
तीसरा प्रोत्साहन पैकेज आर्थिक वृद्धि के लिए सहायक, पर राजकोषीय पर असर अस्पष्ट: फिच

नई दिल्ली: वैश्विक वित्तीय परामर्श कंपनी फिच सॉल्युशंस ने सोमवार को कहा कि सरकार के तीसरे प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा आने वाली तिमाहियों में अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने में सहायक होनी चाहिए लेकिन इसके राजकोष पर पड़ने वाले प्रभाव का अंदाजा लगाना मुश्किल है.

सरकार ने 12 नवंबर को 2.65 लाख करोड़ रुपये के एक और आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की. इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 नाम दिया गया है. इस पैकेज में संगठित क्षेत्र में रोजगार निर्माण को गति देना, उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई), उर्वरक सब्सिडी और ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम मनरेगा में बढ़ोत्तरी करना शामिल है.

फिच सॉल्युशंस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

फिच ने कहा, "तीसरे प्रोत्साहन पैकेज की कई योजनाएं आने वाली तिमाहियों में अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने में सहायक हो सकती हैं लेकिन सार्वजनिक वित्त प्रणाली पर इसके वास्तविक असर का आकलन करना मुश्किल है."

ये भी पढ़ें:फॉर्म 26एएस में जीएसटी कारोबार को लेकर करदाता पर अनुपालन का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा

अन्य परामर्श कंपनी मोतीलाल ओसवाल ने एक अलग रपट में कहा कि उसके आकलन के हिसाब से वित्त वर्ष 2020-21 में वास्तविक राजकोषीय असर जीडीपी के 0.5 प्रतिशत या अधिकतम 1.1 लाख करोड़ रुपये हो सकता है.

पिछले दो प्रोत्साहन पैकेज के दौरान की गयी घोषणाएं जीडीपी के 8.7 प्रतिशत के बराबर यानी 17.7 लाख करोड रुपये की है.

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details