बिजनेस डेस्क, ईटीवी भारत: महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और पंजाब जैसे राज्यों ने कोरोना वायरस जैसे संकट के समय में माल और सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे को रोकने के लिए केंद्र में बैठी भारती जनता पार्टी (भाजपा) को घेरा.
कांग्रेस पार्टी की अंतरिम प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, झारखंड आदि जैसे प्रमुख गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बुलाई गई एक आभासी बैठक में, जीएसटी मुआवजे का मुद्दा केंद्रीय रहा क्योंकि राज्यों ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया उन्हें उनके उचित अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "हम भीख नहीं मांग रहे… ये हमारा बकाया है… पश्चिम बंगाल को केंद्र से 53,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना बाकी है. कोई धनराशि उपलब्ध नहीं है. श्रमिकों को वेतन देना बहुत मुश्किल है. यह बहुत गंभीर स्थिति है."
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति बहुत खराब है. उन्होंने बैठक के दौरान कहा, "वर्तमान अनुमानों के अनुसार, पंजाब 25,000 करोड़ रुपये के घाटे के साथ इस वित्तीय वर्ष को समाप्त करेगा. कोरोनe वायरस से निपटने के लिए मेरे पास पैसा नहीं है ... मैं कभी-कभी सोचता हूं कि मैं वेतन और अन्य मुआवजे का भुगतान कैसे करूंगा."
उन्होंने आगे कहा, "हमने पहले से ही कोरोना वायरस पर लगभग 500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हमारे राज्यों का वित्त पूरी तरह से नीचे है. केंद्र ने जीएसटी मुआवजा नहीं दिया है. मैं ममता जी से सहमत हूं कि हमें सामूहिक रूप से प्रधानमंत्री की तरफ देखना चाहिए."
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी अन्य मुख्यमंत्रियों से अपने अधिकारों के लिए केंद्र के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई लड़ने का आग्रह किया. "पहले हमें तय करना होगा कि हमें लड़ना है या भयभीत होना है ... अगर हमें लड़ना है, तो हमें इसे हर कीमत पर करना होगा."