नई दिल्ली: आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने अगली तिमाही में लघु बचत ब्याज दरों में संशोधन के संकेत दिए हैं. उनका कहना है कि इसे बाजार दरों के अनुरूप संतुलित बनाया जा सकता है. इससे नीतिगत दरों के लाभ को तेजी से आम लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलने की संभावना है.
बैंक जमा दरों में नरमी के बावजूद चालू तिमाही में सरकार ने लोक भविष्य निधि कोष (पीपीएफ) और राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती करने से दूरी बनाए रखी.
चक्रवर्ती ने पीटीआई-भाषा से कहा, "देश में हमारे पास वर्तमान में लगभग 12 लाख करोड़ रुपये लघु बचत योजनाओं में और करीब 114 लाख करोड़ रुपये बैंक जमा के रूप में हैं. इससे बैंकों की देनदारी इन 12 लाख करोड़ रुपये से प्रभावित हो रही है."
उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल वैसी स्थिति है जब कोई कमजोर इंसान किसी ज्यादा शक्तिशाली व्यक्ति को नियंत्रित करने लगे. कमोबेश लघु बचतों की ब्याज दर का कुछ जुड़ा बाजार दरों से होना चाहिए जो बड़े स्तर पर सरकारी प्रतिभूतियों से प्रभावित होती हैं.
चक्रवर्ती ने कहा कि श्यामला गोपीनाथ समिति की रपट को स्वीकार कर लिया गया है, लेकिन ब्याज दरों को बाजार दरों से जोड़ने का काम चल रहा है.