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शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 470 अंक चढ़ा, सूचकांक फिर 60,000 के पार

सेंसेक्स में मुख्य रूप से एफएमसीजी, ऑटो, आईटी और वित्तीय शेयरों में तेजी थी. इस दौरान आईटीसी, मारुति, टीसीएस, कोटक बैंक और आईसीआईसीआई बैंक बढ़त दर्ज करने वाले प्रमुख शेयर (top gainers) थे. सेंसेक्स के 21 शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे.

शुरुआती कारोबार
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Published : Jan 10, 2022, 11:04 AM IST

मुंबई : चौतरफा खरीदारी के चलते प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान एक बार फिर 470 अंक चढ़कर 60,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया. इस दौरान 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक 60,242 के उच्च स्तर पर पहुंच गया. हालांकि, बाद में इसने कुछ बढ़त को खो दिया.

खबर लिखे जाने तक सूचकांक 333.02 अंक या 0.56 प्रतिशत बढ़कर 60,077.67 पर था. इसी तरह एनएसई निफ्टी 126.95 अंक या 0.71 प्रतिशत बढ़कर 17,939.65 पर कारोबार कर रहा था. सेंसेक्स में मुख्य रूप से एफएमसीजी, ऑटो, आईटी और वित्तीय शेयरों में तेजी थी. इस दौरान आईटीसी, मारुति, टीसीएस, कोटक बैंक और आईसीआईसीआई बैंक बढ़त दर्ज करने वाले प्रमुख शेयर (top gainers) थे.

सेंसेक्स के 21 शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे. अन्य एशियाई बाजारों में मिले-जुले रुझान (Mixed trends in Asian markets) देखने को मिले. शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों (stock market Provisional data) के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने शुक्रवार को सकल आधार पर 496.27 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. बीते सप्ताह BSE का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,490.83 अंक या 2.55 प्रतिशत के लाभ में रहा.

मजबूत मांग के बीच वैश्विक स्तर पर जिंस की आपूर्ति कम होने की खबरों के साथ ग्रेफाइट प्रोड्यूसर्स के शेयर आकर्षक हो गए हैं. ग्रेफाइट लिथियम बैटरी के उत्पादन के लिए आवश्यक एक प्रमुख घटक है. धातु लिथियम बैटरी को टूटने से बचाता है. इसके अलावा, स्टील और एल्युमीनियम के उत्पादन में ग्रेफाइट के इलेक्ट्रोड का उपयोग किया जाता है. ऑटोमोबाइल क्षेत्र से लिथियम-निर्मित बैटरियों की भारी वैश्विक मांग है, क्योंकि दुनिया तेजी से जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए हरित गतिशीलता की ओर बढ़ रही है.

स्पष्ट कमी के बीच वाहन निर्माताओं से ग्रेफाइट की बढ़ती मांग के अनुरूप, इसके उत्पादन में काम करने वाली कंपनियों के शेयरों को झटका लगा है. ग्रेफाइट इंडिया का शेयर पिछले एक साल में 56 फीसदी चढ़ा, जबकि एचईजी का शेयर 84 फीसदी चढ़ा. ऐतिहासिक रूप से, पिछले पांच वर्षों में, ग्रेफाइट इंडिया के शेयरों में 446 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एचईजी में 885 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है कि चीन ग्रेफाइट का सबसे बड़ा उत्पादक है. इसके बाद मोजाम्बिक और ब्राजील का स्थान है.

(एजेंसी इनपुट)

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